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देव दीपावली महोत्सव पर एनडीआरएफ के शहीद जवान को दी गई श्रदांजलि
वाराणसी।शुक्रवार 19 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली का महोत्सव वाराणसी के 84 घाटों पर दीपों की जगमगाती हुई रोशनी में बड़े धूम धाम से मनाया गया | हर बार की तरह इस बार भी वीरगति प्राप्त जवानों के परिवार जनों को दशाश्वमेध घाट पर भागीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया गया | इसी मौके पर गंगा सेवा निधि द्वारा एनडीआरएफ के शहीद जवान अनिल गौर को श्रदांजलि दी गई | इस वर्ष एनडीआरएफ के सहायक उप-निरीक्षक अनिल गौर, उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में आई बाढ़ के दौरान अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए थे, शहीद जवानों की याद में वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल ड़ी.एस.राना के द्वारा आकाश दीप जलाकर शहीद जवानों को भागीरथ शौर्य सम्मान दिया गया तथा उनके परिवार के लोगो को सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर श्री देवेन्द्र कुमार (द्वितीय कमान अधिकारी), एनड़ीआरएफ ने बताया की “ सुरक्षा बलों को मरनोपरांत “शहीद भागीरथ शौर्य सम्मान” से सम्मानित करना, शहीदों के प्रति सम्मान और देश भक्ति को दर्शाता है ऐसे शुभ अवसरों पर इस प्रकार के सम्मान से जवानों का हौसला अफजाई होता हैं एनडीआरएफ अपने आदर्श वाक्य “आपदा सेवा सदैव सर्वत्र” को सार्थक करते हुए हर पल मानव सेवा के लिए समर्पित है, श्री शुशांत मिश्रा, अध्यक्ष, गंगा सेवा निधि, ने एनडीआरएफ के काम की सराहना करते हुए सभी जवानों को देव दीपावली की शुभकामनाये दी | इसके अतिरिक्त्त अपनी पूरी निष्ठा के साथ देव दीपावली के इस महोत्सव पर आये लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ के जवान वाराणसी के सभी मुख्य घाटों पर तैनात रहे । पिछले वर्ष की भांति श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए एनडीआरएफ ने इस बार 06 टीमों को विभिन्न घाटों जैसे दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, राजघाट, पंच गंगा घाट, शीतला घाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा नदी में तैनात किया गया ।
एनडीआरएफ की 06 टीमें जिसमें 40 नावों और लगभग 150 बचावकर्मियों के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात रही। इन प्रत्येक टीमों में गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ देव दीपावली के कार्यक्रम के दौरान घाटों पर तैनात रहे। देव दीपावली के इस अदभुत नज़ारे को देखने के लिए देश-विदेश से हज़ारों लोग घाटों पर मौजूद रहे तथा किसी भी अप्रिय घटना से बचाव हेतू एनडीआरएफ के प्रशिक्षित बचावकर्मी घाटों पर मुस्तैदी से तैनात रहे।