नगर परिक्रमा
बीजेपी द्वारा छद्म राजनीतिक के लिये खेत में खड़ी फसल की हत्या शर्मनाक ही नहीं, पाप है: अजय राय
वाराणसी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि अनाज की बाली फूट रही फसलों को काट कर, वहां राजनीतिक रैली करना एक शर्मनाक नैतिक अपराध है। भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली हेतु भाजपा सरकार द्वारा हो रहा यह काम राजनीतिक और सरकारी अनैतिकता का अत्यन्त निन्दाजनक कृत्य है।
सोमवार को अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में अजय राय ने कहा कि अभी आये ताजे वैश्विक भूख इंडेक्स में पिछड़ते जा रहे भारत का स्थान खिसक कर पाकिस्तान और नेपाल से भी पीछे बताया गया है। इन हालात में किसान के पसीने एवं पूंजी से खड़ी हुई और अनाज की हरी बालियां लग चुकी फसल को काट काट कर वहां छद्म राजनीतिक मंसूबे के लिये जनता की गाढ़ी कमाई से रैली करना शर्मनाक ही नहीं, पाप भी है। भले ही किसानों को उनकी फसलों की कीमत प्रशासन दे रहा है, लेकिन वह जनता का ही पैसा है और उसे नैतिकता की कसौटी पर एक अक्षम्य अपराध कहा जायेगा। कोई लोगों की जिन्दगी ले ले या जीवन देने वाली अन्नपूर्णा मां को काटना सो, हर जगह मुआवजे की रकम अदा कर कर्तव्य की इति श्री मान लेने का चलन, बीजेपी सरकार की सोच एवं चरित्र को उजागर करता है।
श्री राय ने आगे कहा कि अपने को भारत की संस्कृति की पोषक और कभी खुद को ‘पार्टी विद द डिफरेंस’ बताने वाली भाजपा की सरकार, इस तरह राजनीतिक लाभ के लिये, बाजारीकरण के अनैतिक एवं विद्रूप हथकंडों की प्रतीक बन चुकी है। भारत की संस्कृति में अनाज के दाने को अन्नपूर्णा मां मानकर पूजा जाता है और अनाज का गिरा दाना भी उठाकर माथे लगाया जाता है। साथ ही अनाज की फसलों एवं फल लगे हुये वृक्षों की पूजा की जाती है। इस सांस्कृतिक धर्म की और खेत में खड़ी फसल की हत्या महज राजनीतिक उद्देश्य से एक ग्रैंड शो का दिखावे करने के लिये सरकार द्वारा की जा रही है। हम मान रहे हैं कि वाराणसी में कांग्रेस की विगत सफल रैली से भी बड़ी रैली करना, सूबे की भाजपा सरकार के लिये बड़ी राजनीतिक प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है, लेकिन रैली के तो बड़े मैदान और भी हैं। अगर नहीं भी हैं, तो उतनी ही बड़ी या कुछ छोटी ही रैली कर लेने और अन्नपूर्णा के समादर धर्म का पालन करने से भाजपा सरकार की राजनीतिक शान घट नहीं जायेगी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि लगभग तैयार हो चुकी खड़ी फसल को पैसे देकर नष्ट कराना अन्नपूर्णा का ही नहीं, किसान और किसान के बहे पसीने का भी अपमान है। लगातार किसान, कृषि और कृषि उत्पादन को रौंद रही सरकार के इस कारनामे की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे जी, प्रोफेसर सतीस राय, शैलेन्द्र सिंह पूर्व उपाध्यक्ष छावनी परिषद, ओमप्रकाश ओझा एवं डॉ नृपेंद्र नारायण सिंह जिला प्रवक्ता उपस्थित रहे।