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मऊ

घोसी में प्रशिक्षु लेखपालों को राजस्व संहिता का विशेष प्रशिक्षण

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घोसी (मऊ) जयदेश। घोसी स्थित मंडलीय लेखपाल प्रशिक्षण केंद्र पर मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश अग्रवाल ने प्रशिक्षु लेखपालों को राजस्व संहिता की विभिन्न धाराओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर उन्होंने विशेष रूप से धारा 18 से 24 तक की कानूनी प्रक्रियाओं और उनके व्यावहारिक उपयोग पर चर्चा की।न्यायिक मजिस्ट्रेट ने धारा 18 के तहत उत्तराधिकार के नियमों को समझाते हुए बताया कि इस धारा का प्रयोग उत्तराधिकार संबंधी विवादों के निष्पक्ष निपटारे के लिए कैसे किया जा सकता है।

वहीं धारा 19 के अंतर्गत भूमि वर्गीकरण और संबंधित विवादों के समाधान की प्रक्रिया पर भी विस्तार से जानकारी दी। धारा 20 और 21 पर चर्चा करते हुए उन्होंने भूमि सीमांकन और पुनर्निर्धारण में लेखपाल की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया।

इसके साथ ही धारा 22 और 23 के तहत भूमि की नीलामी और उससे जुड़े विवादों को निपटाने के तरीके भी साझा किए। अंत में धारा 24 के तहत सरकारी भूमि के संरक्षण और अवैध कब्जे हटाने में लेखपालों की भूमिका पर जोर दिया।प्रशिक्षण सत्र के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट ने व्यावहारिक उदाहरणों और केस स्टडी के माध्यम से लेखपालों को यह समझाया कि कानून का पालन कैसे किया जा सकता है और भूमि विवादों के समाधान में उनकी भूमिका क्या होनी चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षुओं ने सवाल पूछे और अपनी शंकाओं का समाधान पाया। इस सत्र का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को राजस्व संहिता की सैद्धांतिक जानकारी देने के साथ-साथ इसके सामाजिक और व्यावहारिक पहलुओं से भी अवगत कराना था।

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