आजमगढ़
एंटी करप्शन कार्रवाई पर लेखपाल संघ का विरोध
आजमगढ़। हाल ही में निजामाबाद उपशाखा के लेखपाल संघ ने एंटी करप्शन टीम और विजिलेंस विभाग की कार्यवाहियों के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। संघ ने तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस का बहिष्कार करते हुए विरोध जताया।

बीते दिनों आजमगढ़ सहित उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के तहत कई लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया।
हालांकि इन कार्यवाहियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित कई वीडियो इन कार्रवाईयों को संदिग्ध बताते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि एंटी करप्शन टीम और विजिलेंस विभाग द्वारा फर्जी तरीके से ट्रैपिंग की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
इन घटनाओं ने लेखपालों में भय और आक्रोश का माहौल बना दिया है जिससे सरकारी कार्य भी बाधित हो रहे हैं।तहसील अध्यक्ष विक्रांत सिंह का कहना है कि सामान्य शिकायत के आधार पर बिना गहन जांच के एंटी करप्शन विभाग शिकायतकर्ताओं को उकसाकर उनके बयान दर्ज कराता है। प्री-ट्रैप जांच की औपचारिकता पूरी कर लेखपाल को फंसाने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाती है।
कई मामलों में लेखपाल से संबंधित कोई शिकायत नहीं होती, फिर भी उन्हें जबरन फंसाया जाता है। गाजीपुर, लखनऊ और महाराजगंज जैसी घटनाओं में यह देखा गया कि लेखपाल के खिलाफ फर्जी तरीके से शिकायतें दर्ज कराई गईं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्थानीय लोगों ने भी इन घटनाओं को झूठा करार दिया। इन घटनाओं में लेखपालों को जबरन फंसाने और पैसे उनकी जेब में डालने की घटनाएं सामने आईं।संघ ने इन घटनाओं को साजिश करार देते हुए मांग की है कि एंटी करप्शन विभाग द्वारा की जा रही ट्रैपिंग की सभी घटनाओं की मजिस्ट्रेटियल जांच होनी चाहिए।
इसके अलावा शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए यदि वह लेखपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर का कार्य करवाने की कोशिश करता है।संघ ने यह भी कहा कि ऐसे फर्जी मामलों से ईमानदार कर्मचारियों पर असर पड़ रहा है और वे सही तरीके से काम करने से डरने लगे हैं।
इस माहौल से सरकारी सिस्टम की छवि खराब हो रही है जिससे आम जनता में सरकारी तंत्र के प्रति नकारात्मकता बढ़ रही है। संघ ने सरकार से मांग की है कि इन घटनाओं में शामिल अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाए ताकि ईमानदार कर्मचारियों का मनोबल बना रहे और वे बिना डर के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
