वाराणसी
छितौनी-कोटवा और टड़िया का खतरनाक मोड़ बना हादसों का अड्डा

प्रशासन की उदासीनता पर सवाल
वाराणसी। जनपद के लोहता क्षेत्र के छितौनी, कोटवा और टड़िया ग्राम सभाओं को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग पिछले कुछ समय से दुर्घटनाओं का केंद्र बन गया है। खासकर छितौनी गांव के पास स्थित टढ़िया मोड़ पर रोजाना हादसों का सिलसिला जारी है। गुरुवार रात करीब 8 बजे एक छोटा टेंपो पलट गया, जिसमें सवार यात्री बाल-बाल बच गए, लेकिन यह हादसा स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर चेतावनी बन चुका है।
इस मार्ग की समस्या यह है कि सड़क की ऊंचाई कम है और रात के समय लाइट की व्यवस्था न होने से यह मोड़ बेहद खतरनाक बन जाता है। स्थानीय निवासी और युवा जन प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह राजू ने कई बार इस मुद्दे को छितौनी ग्राम प्रधान विजय जायसवाल के सामने उठाया है। उनका कहना है कि इस मोड़ पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाए और सड़क को ऊंचा किया जाए ताकि हादसों को रोका जा सके।
धर्मेंद्र सिंह राजू ने बताया, “यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों में डर का माहौल है। लेकिन ग्राम प्रधान और प्रशासन की उदासीनता के कारण अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग तीन ग्राम सभाओं—छितौनी, कोटवा और टढ़िया—को जोड़ता है, और इस पर सुरक्षा उपायों का अभाव प्रशासन की बड़ी चूक को दर्शाता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क की ऊंचाई बढ़ाने और लाइट की व्यवस्था की दिशा में तत्काल कार्रवाई की जाए।
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस खतरनाक मोड़ पर हादसों को रोकने के लिए कोई कदम उठाएगा, या फिर यहां की जनता को अपनी जान जोखिम में डालते हुए ही सफर करना होगा?