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आरएसएमटी में एमबीए-एमसीए के नव-प्रवेशी छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन

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वाराणसी। राजर्षि स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (आरएसएमटी, यूपी कॉलेज परिसर) में एमबीए एवं एमसीए पाठ्यक्रम के नव प्रवेश विद्यार्थियों के लिए सोमवार को ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राजर्षि प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं महाविद्यालय के कुल गीत के साथ हुई। इसके पश्चात एमसीए कोऑर्डिनेटर डॉक्टर एसके सिंह एवं एमबीए कोऑर्डिनेटर पीएन सिंह ने विद्यार्थियों को संस्थान एवं पाठ्यक्रम की जानकारी प्रदान की।

इंचार्ज-निदेशक डॉक्टर अमन गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की तेजी से बदलते हुए आर्थिक परिस्थिति में आरएसएमटी ने अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक गुणवत्ता के सात कोई भी समझौता नहीं किया है।विद्यार्थियों के चयन को उत्कृष्ट बातें बताते हुए उन्होंने संस्थान के विपरीत परिस्थितियों में प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा की।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर एएन राय, पूर्व कुलपति नेहू, शिलांग ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें हर छोटी-छोटी चीज के लिए सरकार की ओर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने शिक्षा में मानवतावादी दृष्टिकोण की वकालत करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को विद्यालय परिसर की परंपरा का पालन करते हुए शिक्षा प्राप्त करने में सफलता अवश्य प्राप्त होगी। कि शिक्षा तथ्यों की जानकारी नहीं है बल्कि यह सीखने और सोचने की क्षमता में वृद्धि का नाम है। सबकी जिंदगी में अवसर अवश्य आते हैं जरूरत इस बात की होती है कि हम उन अवसरों का तुरंत पहचान कर उस पर काम करें। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य की पहचान करें और उसे चरणबद्ध तरीके से प्राप्त करने की कोशिश करें।

विशिष्ट अतिथि त्रिलोक नाथ शुक्ला, प्रमुख, माइक्रो फाइनेंस यूएसएसबी ने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण के लिए की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज को एक सकारात्मक वातावरण बनाकर स्थानीय भाषा और नीति को बढ़ाता देखकर अच्छे नागरिक बनाने पर पूरा ध्यान देना चाहिए।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर डीएस चौहान पूर्व कुलपति एपीजे अब्दुल कलाम तकनीक यूनिवर्सिटी ने कहा कि शिक्षा से विद्यार्थियों को अपने ज्ञान को व्यक्त करने की क्षमता प्राप्त होती है। लक्ष्य की प्राप्ति के साथ साथ हमें आत्म-निरीक्षण करते करते रहना चाहिए जिसके परिणाम स्वरूप और भी ऊंचे लक्ष्य निर्धारित कर के उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डिग्री और नौकरी जीवन का अंतिम उद्देश्य नहीं हो सकता वरन संपूर्ण मानवीय भाव ही इसका अंतिम लक्ष्य है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायाधीश एसके सिंह सचिव, यूपीईएस ने कहा कि शिक्षा का आधारभूत ढांचा, विद्यार्थी शिक्षक अनुपात, गुणवत्ता, पहुंच, और अंतिम परिणाम की समस्या से जूझ रही है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए उन्होंने शैक्षणिक जगत के दिग्गजों की सहायता लेने पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा केवल आधारभूत ढांचा ही नहीं है बल्कि यह विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का परिवर्तन है।उन्होंने कहा कि आज सर्वे भवंतु सुखिन की भावना का पालन सही मायने में करना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से ही सभी तक एक सर्व सुलभ शिक्षा मिल सकेगी। कार्यक्रम का संचालन गरिमा आनंद, धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनीता कालरा ने दिया। इसके पश्चात एमबीए एमसीए के शिक्षकों का विद्यार्थियों से सीधा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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द्वितीय सत्र में विद्यार्थियों के साथ एमबीए-एमसीए के कोऑर्डिनेटर पीएन सिंह, डॉ एसके सिंह, निदेशक डॉक्टर अमन गुप्ता और प्लेसमेंट कोऑर्डिनेटर गरिमा आनंद और डॉक्टर सीपी सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस सत्र का संचालन डॉक्टर बृजेश कुमार यादव जबकि धन्यवाद ज्ञापन पीएन सिंह ने दिया। इस अवसर पर विजय पांडे, सुजीत सिंह, आनंद मोहन पांडेय, रामेश्वरी सोनकर, अनुराग सिंह, प्रीति नायर, विमल राय, विनय कुमार, आनंद श्रीवास्तव, डॉ राजेंद्र शर्मा, डॉ प्रीति सिंह, डॉ नीतू रंजन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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