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वाराणसी

189 सैम बच्चों का स्वर्णप्राशन सम्पन्न

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वाराणसी। आंगनबाड़ी से जुड़े 189 तीव्र गंभीर कुपोषित (सैम) बच्चों का स्वर्णप्राशन गुरुवार को राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, चौकाघाट में सम्पन्न हुआ। इस पहल का उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और उन्हें कुपोषण से शीघ्र मुक्ति दिलाना है।

अक्टूबर माह में आयोजित जिला पोषण समिति की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा कुपोषण उन्मूलन के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति का उपयोग करने पर जोर दिया गया था। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. सरोज शंकर राम ने बताया कि स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से सुधार होता है, जिससे कुपोषण से राहत मिलती है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी डी.के. सिंह ने जानकारी दी कि स्वर्णप्राशन केवल पुष्य नक्षत्र के दिन ही किया जाता है। इसी क्रम में 21 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में स्वर्ण भस्म, ब्रह्मी घृत और शहद का विशेष योग तैयार कर बच्चों को दिया गया।

वाराणसी जिले में कुल 467 सैम बच्चे हैं, जिनमें से नगरीय क्षेत्र के 189 बच्चों का स्वर्णप्राशन किया गया। शेष ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का स्वर्णप्राशन 18 दिसम्बर, 2024 को पुष्य नक्षत्र में किया जाएगा।

इस आयोजन में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शशि सिंह का विशेष योगदान रहा। यह प्रयास बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने और जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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