राष्ट्रीय
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हुए मिथुन चक्रवर्ती, कांतारा के ऋषभ शेट्टी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
जितनी तकलीफें उठाई भगवान ने मुझे सूद समेत वापस कर दीं : मिथुन चक्रवर्ती
नई दिल्ली। मंगलवार को अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा के क्षेत्र में सरकार का सर्वोच्च सम्मान, दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। मिथुन को इस दौरान स्टैंडिंग ओवेशन मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान मिथुन चक्रवर्ती को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। सम्मानित होने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, “मैं आज आपके आशीर्वाद से फिर इस मंच पर हूं। मैंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है और कोई चीज आसानी से नहीं मिली। लेकिन आज इस सम्मान को पाकर मुझे महसूस होता है कि थैंक यू बोल सकता हूं भगवान को। जितनी तकलीफें उठाई भगवान ने शायद मुझे सूद के साथ उसे वापस कर दीं।”

इस राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में विभिन्न भाषाओं में निर्मित सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्मों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सम्मानित किया। सर्वश्रेष्ठ फिल्म से लेकर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता-अभिनेत्री तक कई कैटेगरी में अवॉर्ड दिए गए। सत्तरवें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार एक जनवरी से 31 दिसंबर, 2022 तक सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफाइड फिल्मों को दिये गये हैं। कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार ऋषभ शेट्टी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम किया है। उन्हें उनकी फिल्म ‘कांतारा’ के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवॉर्ड मिला है। मलयालम भाषा की फिल्म ‘आट्टम’ ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान नित्या मेनन और मानसी पारेख ने साझा किया।
तिरुचित्राबलम में नित्या मेनन और कच्छ एक्सप्रेस के लिए मानसी पारेख को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सूरज बड़जात्या को उनकी फिल्म ऊंचाई के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार प्राप्त हुआ। नीना गुप्ता को भी इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। वहीं, पवन मल्होत्रा को उनकी फिल्म फौजा के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया। संपूर्ण मनोरंजन की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का खिताब कंतारा को प्रदान किया गया।
