वाराणसी
दुर्गाबाड़ी मंदिर में स्वत: स्थापित मां की सेवा में मुखर्जी परिवार की सातवी पीढ़ी भी समर्पित
शिव की नगरी काशी के मदनपुरा-जंगमबाड़ी में स्थित 257 साल पुराना दुर्गाबाड़ी माता मंदिर खास महत्व रखता है। 1767 में स्थापित इस मंदिर की मूर्ति से जुड़ी एक दिलचस्प कथा है। विजयदशमी के दिन जब माता की मूर्ति को उठाने का प्रयास किया गया, तो वह अपनी जगह से नहीं हिली।
इसके बाद माता दुर्गा ने मंदिर के मुखिया को सपने में दर्शन दिए और कहा कि वह इसी स्थान पर काशी में वास करेंगी और उन्हें यहां से हटाने की कोशिश न की जाए। तब से लेकर आज तक यह मूर्ति उसी स्थान पर विराजमान है। शिव की इस पवित्र नगरी में स्थित इस मंदिर में बंगाल की संस्कृति भी झलकती है, क्योंकि इसके सेवादार मुखर्जी परिवार से हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आकर माता को गुड़ और चने का भोग अर्पित करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
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