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कोलकाता कांड : मृतक का परिवार सोशल मीडिया से परेशान, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया यह आदेश

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नई दिल्ली। कोलकाता में हुए ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता के परिवार ने सोशल मीडिया पर उसकी पहचान और तस्वीरों के प्रसार की शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो ऐसी पोस्ट्स को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटवाने में मदद करे।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी चिकित्सा सुविधाओं में सीसीटीवी लगाने और शौचालयों तथा विश्राम कक्षों के निर्माण में धीमी प्रगति को लेकर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की।

अदालत ने टिप्पणी की कि 50% से अधिक काम अब तक पूरा नहीं हुआ है, और यह प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों चल रही है। पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि चल रहे कार्य को 15 अक्टूबर तक पूरा किया जाए।

इसके साथ ही कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों को पीड़िता की पहचान उजागर करने से रोकने के आदेश जारी किए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वासन दिया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस मामले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, जो किसी भी अनधिकृत पोस्ट को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।

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