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वाराणसी

काशी में गंगा ले रही रौद्र रूप, बदली जा सकती है आरती की जगह

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वाराणसी। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से गंगा उफान पर है। आध्यात्मिक नगरी काशी में गंगा का जलस्तर 24 घंटे में 86 सेंटीमीटर बढ़ा है। फिलहाल गंगा का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार धीमी है। वर्तमान में दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से किनारे की सीढ़ियां और मंदिर जलमग्न हो गए हैं। सिंधिया घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह जलमग्न हो गया है। इसी तरह अगर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही तो रोजाना होने वाली गंगा आरती की जगह भी बदली जा सकती है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से आवागमन बाधित –

गंगा के जलस्तर की बढ़ोतरी को लेकर घाट पर स्थित पुरोहित भरत पांडेय ने चिंता जताई है। भरत पांडेय ने कहा कि जलस्तर बढ़ने से दिन में घाट की चार सीढ़ी तो वहीं रात में 6 सीढ़ी डूब रही है। जलस्तर बढ़ने से सीढ़ियों पर आना-जाना बाधित हो रहा है। बाढ़ की स्थिति गंभीर लग रही है। पानी लगातार इसी तरह बढ़ता रहा तो सड़क पर पानी आने की संभावना है। जलस्तर लगातार बढ़ता रहा तो शीतला माता के चरणों को छू जाएगा। राजा हरिश्चंद्र घाट से लेकर मणिकर्णिका घाट तक पहुंचने का रास्ता बंद हो चुका है। ऐसा हर वर्ष होता है, जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी जाती है। जिसकी वजह से हमारा कार्य प्रभावित होता है।

डूबने वाली है आरती की जगह, बदल सकता है स्थान –

नाविक अनिल साहनी ने बताया कि, आरती की जगह डूबने वाली है। हो सकता है आगे आरती की जगह भी बदला जा सकती है। नीचे स्थित कुछ मंदिर और पूजा की जगह डूब चुकी हैं। घाट पर स्थित श्रद्धालु कृष्णलाल ने कहा कि फिलहाल स्थिति ठीक है। एक-दो दिन बाद जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। घाट पर नहाने में दिक्कत हो सकती है। पिछले दिनों की अपेक्षा जलस्तर की बढ़ोतरी कम हो गई है।

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