अपराध
पुलिस अभिरक्षा से फरार इनामिया अभियुक्त 16 साल बाद गिरफ्तार
वाराणसी। यूपी एसटीएफ की वाराणसी टीम ने 16 साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार 25 हजार के इनामिया हत्यारोपी सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर राम को मंगलवार को कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 के पीछे से गिरफ्तार किया। पुलिस ने अभियुक्त के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया है। गिरफ्तार हुआ अभियुक्त बस्ती जिले के महराजगंज मिसिर गंजा क्षेत्र का रहने वाला है। गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ अभियुक्त के खिलाफ आवश्यक विधिक कार्रवाई कर रही है।
यूपी एसटीएफ, वाराणसी के प्रभारी निरीक्षक पुनीत परिहार ने बताया कि, “यूपी एसटीएफ की टीम को पिछले कई दिनों से फरार/पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से जैसे ही पता चला कि अभियुक्त इस समय वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास प्लेटफार्म नंबर 9 के पीछे मौजूद है। हमने मामले का तत्काल संज्ञान लेकर अपनी टीम के साथ अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त का नाम सुरेश मिश्रा है और वह 16 साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा गिरफ्तार हुए अभियुक्त के ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था।”

गिरफ्तार अभियुक्त ने पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर बताया कि, “उसका सगे पट्टीदार रामाशीष मिश्रा से जमीन सम्बन्धी विवाद काफी समय से चला आ रहा था। 12 फरवरी 2001 को बांस काटने की बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया, जिस दौरान इसने रामाशीष के पक्ष से आये विनोद मिश्रा पुत्र गजराज मिश्रा की चाकू मारकर हत्या कर दिया था। तब उस समय स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 24 मार्च 2007 के दिन जब उसे 20 हजार अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा हुई तब वह वाराणसी के केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित हो गया था। 2008 में जब उसे पीलिया हुआ तब ईलाज के लिए जेल सुरक्षा कर्मियों की अभिरक्षा में राजकीय मण्डलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, वाराणसी में भर्ती कराया गया था। 9 अक्टूबर 2008 के दिन वह मौका पाते ही अस्पताल से फरार हो गया था। उसके बाद दिल्ली जाकर लाल बहादुर राम के नाम से रहने लगा तथा वहीं पर राजगीर का काम करने लगा। तब से लेकर अब तक वह अपना नाम-पता बदल-बदल कर अलग-अलग स्थानों पर रहता था।”
