पूर्वांचल
स्कूल की मनमानी के खिलाफ मुख्यमंत्री पोर्टल पर लामबंद हुए अभिभावक
मिर्जापुर। कछवां स्थित क्रिश्चियन स्कूल के द्वारा मनमानी ढंग से वसूली और तानाशाही का मुद्दा दिन प्रतिदिन गरमाता जा रहा है और अभिभावकों में रोष बढ़ता ही जा रहा है जो कम होने का नाम नहीं ले रहा है और अभिभावक समेत समाजसेवी भी जानकारी होने के बाद अपनी शिकायत दर्ज कराते चले जा रहे हैं। मामले को लेकर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) पर शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग पर शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई की मांग प्रभात सिंह, चंदन पांडेय, अमन सिंह, संजय सिंह आदि लोगों ने किया है।
केस नंबर 1 – श्याम जी केसरी ने अपनी पुत्री श्रेया कुमारी का आरटीई के तहत वर्ष 2023- 24 में दाखिला कराया था। तब स्कूल प्रबंधन कमेटी ने 8000 रुपए लिए थे और जब वह पास होकर अगले सत्र 2024 -25 में गई तो अप्रैल माह में 5500 रुपए अतिरिक्त इनसे जमा कराया गया। इन्होंने आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर अपने रुपए वापस कराने की मांग की है।
केस नंबर 2 – महेश कुमार ने आरटीई के तहत इस वर्ष अपनी पुत्री परी का दाखिला कराया है। दाखिला के समय 7500 रुपए लिया गया जिसमें डिस्क्रिप्शन में डिपॉजिट 2000 एग्जाम फीस 500 एनुअल फीस 2500 डेवलपमेंट 2500 के नाम पर इन्हें जब जानकारी हुई की शिक्षा के अधिकार के तहत हुए स्कूलों में एडमिशन के दौरान गरीब छात्र से इस तरह का कोई शुल्क जमा नहीं कराया जाता है। तो इन्होंने भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराकर अपने रुपए वापस मांगने की गुहार लगायी है।
केस नंबर 3 – राकेश कुमार ने अपनी पुत्री सिद्धि का आरटीई के तहत इस वर्ष दाखिला कराया। इनसे भी 7500 स्कूल के काउंटर फीस पर एडमिशन के दौरान जमा कराया गया। इन्होंने भी शिकायत दर्ज करा कर अपने रुपए वापस करने की मांग मुख्यमंत्री से किया है।
केस नंबर 4 – इरफान हबीब ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत उनकी पुत्री फरहान हबीब का एडमिशन पिछले वर्ष हुआ था। इस दौरान स्कूल के फीस काउंटर पर 8000 और इस वर्ष जब वह अगले सत्र में गई तो 5500 रुपए शुल्क जमा कराया गया। इस बात की शिकायत उन्होंने स्कूल से किया था लेकिन वह नहीं माने और पैसा जमा कराया। इन्होंने भी मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर नियमानुसार कार्रवाई की मांग किया है।
केस नंबर 5 – अश्वनी कुमार ने आइजीआरएस पर शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि स्कूल के द्वारा पिछले वर्ष सभी बच्चों से बिल्डिंग फीस के नाम पर 3000 रुपए और इस वर्ष डेवलपमेंट फीस एनुअल फीस के नाम पर 5000 रुपए लिए गए। स्कूल के बच्चों को आवागमन के दौरान स्कूल बस में बच्चों को खड़ा कर ओवरलोड चलाते हैं। कोई भी शिकायत करता है तो स्टाफ के द्वारा यह कहा जाता है की दिक्कत हो तो नाम कटा कर किसी और स्कूल में चले जाइए। मामले की शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई की मांग किया है।
केस नंबर 6 – अंकुर रस्तोगी ने आईजीआरएस पोर्टल पर परिवहन विभाग को शिकायत भेज कर आरोप लगाया की स्कूल के बस का किराया जो स्कूल के द्वारा तय किया गया हो वह निरंतर बढ़ता जा रहा है। साथ ही छोटे छोटे बच्चों को बसों में खड़ा कर कर लाते हैं जो दुर्घटना को दावत देते हैं। बच्चे झटके से अगर ड्राइवर ब्रेक लगाते हैं तो गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। व्यवस्था में सुधार की मांग और कार्रवाई की मांग किया है। साथ ही स्कूल पर बोर्ड भी लगाने की मांग हुई है कि कितना किराया लगना चाहिए विभागीय स्तर पर।
केस नंबर 7 – अभिभाविका सोनम ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि स्कूल के द्वारा अभिभावकों का आर्थिक शोषण किया जाता है। स्कूल का बस अनट्रेंड ड्राइवर से चलाया जाता है। नाजायज शुल्क लिया जा रहा है। स्कूल के खेलने के मैदान में स्कूल के वाहन को खड़े किए जाते हैं। स्कूल मानक के विपरीत है। हर मामलों की गंभीरता पूर्वक जांच कर कारवाई किया जाए। साथ ही स्कूल में प्राइवेट बुक जो कमीशन खोरी के चक्कर में चलाए जाते हैं और हर वर्ष बदल दिए जाते हैं इसे बंद किया जाए और एनसीईआरटी की बुक चलाया जाए।
केस नंबर 8 – कछवां क्रिश्चियन स्कूल के मामले का तुल पकड़ने पर भारतीय जनता पार्टी के बूथ अध्यक्ष एवं समाजसेवी शिवपूजन ने आरोप लगाया कि स्कूल को प्राइवेट बुक से पढ़ाना बंद किया जाना चाहिए। कमिशनखोरी के चक्कर में महंगे दामों पर किताबे बेची जाती हैं। एनसीआरटी की किताब चलाया जाए खेल के मैदान में स्कूल के जो वाहन खड़े होते हैं उन्हें हटाया जाए और मानक के तहत स्कूल कैंपस होना चाहिए किताब और ड्रेस महंगे दामों पर उनके चहेते दुकान पर बिकते हैं साथ ही पिछले वर्ष और इस वर्ष जो अतिरिक्त शुल्क लिए गए हैं अगर देखा जाए तो वह करोड़ों रुपए में हो जाते हैं इसकी जांच कर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए और नाजायज शुल्क जो स्कूल ने लिए हैं सभी अभिभावको को वापस कराया जाए जनहित में।
केस नंबर 9 – मैनब हाशमी ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया की नि:शुल्क अनिवार्य एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत एडमिशन प्राप्त करने पर कछवां क्रिश्चियन स्कूल के द्वारा पिछले वर्ष 10 हजार रुपए छात्रा से लिए गए थे। इस वर्ष भी एनुअल फीस और डेवलपमेंट फीस 5000 रुपए मांगे जा रहे हैं जो गलत है इसे बंद किया जाए और पिछले वर्ष जो 10 हजार रुपए लिए गए हैं उसे लौटाया जाए अन्यथा स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई विभाग करें।
क्या कहते है अधिकारी ?
खंड शिक्षा अधिकारी जयकुमार यादव ने कहा कि आरटीई के दो छात्रों के अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराया था। जिस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा जांच करने आए हुए थे। उन्होंने जब स्कूल के प्रबंध कमेटी से बात किया तो वह मानने को तैयार नहीं थे। इस पर फटकार लगाते हुए कड़ा नोटिस जारी किया गया और कहा गया की मान्यता रद्द कर दिया जाएगा। तब जाकर माने और दोनों छात्रों का शुल्क नहीं लिए। इस वर्ष 24 छात्रों का आरटीई के तहत दाखिला हुआ है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई शुल्क जमा करने का प्राविधान नहीं है, जबकि यह ले रहे हैं गलत कर रहे हैं। वही बिल्डिंग फीस डेवलपमेंट फीस एनुअल फीस जब पहली बार कोई छात्र एडमिशन लेता है उसी समय लिया जा सकता है। हर वर्ष लेना उचित नहीं है। शिकायतें आई है जांच करके कार्रवाई किया जाएगा।