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धर्म-कर्म

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ा भक्तों का रेला

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वाराणसी। नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी के दर्शन-पूजन को भक्तों की भीड़ उमड़ी। ब्रह्माघाट स्थित देवी के मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लाइन लगी है। देवी अपने भक्तों को यश-कीर्त और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। वहीं मनुष्य को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त कर देती हैं।

नवरात्र के दूसरे दिन देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप के दर्शन-पूजन का विधान है। काशी में ब्रह्मा घाट पर देवी का मंदिर है। यहां देवी के दर्शन-पूजन को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्त भोर से ही लाइन में लगकर देवी के दर्शन-पूजन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांग रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस स्वरूप की आराधना से भक्तों को यश-कीर्त और समृद्धि प्राप्त होती है।

मंदिर के महंत राजेश्वर सागरकर ने बताया कि, नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी का दर्शन-पूजन होता है। मंगला आरती के बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। भोर से ही भक्त दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि माता के दर्शन से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामना पूरी होती है। माता अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर देती हैं। काम की बाधा, व्यापार की बाधा, रोग बाधा, शत्रु बाधा समेत सभी प्रकार की बाधाओं को भगवती दूर करती हैं। वहीं धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं।

भगवान शिव को प्राप्त करने को माता पार्वती ने किया था कठोर तप – पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए देवी पार्वती ने वर्षों तक कठोर तप किया था। वह सफेद वस्त्र पहनती हैं और हाथ में कमंडल और जप की माला धारण करती हैं। उनकी कठोर साधना के कारण उनको मां ब्रह्मचारिणी कहा जाता है।

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