अपराध
बांदा में फल फूल रहा ऑनलाइन सट्टे का कारोबार
बांदा पुलिस सट्टेबाजों पर नहीं लगा पा रही लगाम
जिले में नए युवाओं की पीढ़ी को बर्बाद करने में ऑनलाइन सट्टे का खेल और उससे जुड़े हुए लोग आमादा है, लगातार चल रहे ऑनलाइन सट्टे के काले कारोबार से पुलिस अनजान बनी हुई है, इस ऑनलाइन सट्टे को गोल्डन मटका या कई अनेकों नामों से जाना जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सट्टे के कारोबार में जनपद के कुछ मुख्य नाम किशन लाल, सिद्धिक खान, सफीक खान, सलमान और खालिद इत्यादि लोग इस कारोबार में मुख्य भूमिका निभा रहे है, जो की पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर है। ऐसे में ये सट्टे कारोबारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में आमादा है।
यह लोग बांदा शहर कोतवाली के विभिन्न चौकी क्षेत्र में खुलेआम सट्टे का कारोबार चलाने का काम करते हैं। स्मार्टफोन की आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर पुलिस को चकमा देते हैं। वहीं यह लोग इसी कारण से पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर है। पुलिस की विभिन्न जांच एजेंसियां इन लोगों को पकड़ पाने में नाकामयाब है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऐसे में जनपद में लगातार चल रहे इस ऑनलाइन सट्टे के कारोबार पर बांदा पुलिस शिकंजा करने पर नाकामयाब साबित हो रही है। बांदा पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल की छवि को यह सट्टे कारोबारी धूमिल करने में जुटे हुए है। ऐसे में बांदा पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा होता है की पुलिस के पास विभिन्न जांच एजेंसियां होने के बावजूद भी इस सट्टे के कारोबार और कारोबारियों तक पहुंच पाने में पुलिस को और कितना वक्त लगेगा। फिलहाल हमारे द्वारा लिखी गई इस खबर से इस सट्टे के काले कारोबार और कुछ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कारोबारी के नाम चिन्हित किए गए हैं जिन पर बांदा पुलिस के द्वारा कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
