पूर्वांचल
चंदौली की सीट पर ममता अखिलेश में फंसा पेंच
तृणमूल कांग्रेस ललितेशपति त्रिपाठी के लिए अड़ी, सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह का तूफानी जनसंपर्क अभियान
इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हो चुका है। दोनों दल इंडिया गठबंधन के घटक हैं। वहीं पूर्व रेल मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र को लेकर गठबंधन में पेंच में फंस गई है। तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह कहकर चंदौली सीट को अपने कोटे में मांग लिया है की चंदौली, पंडित कमलापति त्रिपाठी की कर्मस्थली रही है और वहां उनका अच्छा खासा जनाधार रहा है। इसलिए चंदौली की सीट से तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया जाना उचित होगा।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि, वह ललितेशपति त्रिपाठी के लिए मिर्जापुर या चंदौली से तैयार हैं। वहां से भी ललितेशपति त्रिपाठी एक बार चुनाव जीत चुके हैं। इसलिए उन्हें या तो मिर्जापुर से लड़ाया जाए या चंदौली से लड़ाया जाए, यही उचित होगा। लेकिन ममता बनर्जी इस पर मानने को तैयार नहीं है। देखना यह है कि सपा और तृणमूल कांग्रेस में इस बात को लेकर कोई बीच का रास्ता निकलता है अन्यथा गठबंधन में चंदौली सीट को लेकर दरार पड़ सकती है।
इस बीच चंदौली के संसदीय सीट से सपा के उम्मीदवार घोषित किए गए वीरेंद्र सिंह का तूफानी चुनाव प्रचार अभियान चरम पर है। उन्होंने सोमवार को वाराणसी में अजगरा से विधानसभा के प्रत्याशी रह चुके सुनील सोनकर सहित सैकड़ों पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पिसौर, चमांव, हरहुआ, करोमा, नंदापुर और बीरापट्टी समेत कई गांवों में जनसंपर्क किया और लोगों से अपने पक्ष में समर्थन की अपील की।
