वाराणसी
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में दिखा पीएम मोदी का भोजपुरी अंदाज, सम्बोधन कर जीता दिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में शुक्रवार को 10 बजे पहुंचे जहां शंख ध्वनि से उनका स्वागत हुआ। इस दौरान उन्होंने बीएचयू में, सांसद क्विज प्रतियोगिता, सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं के साथ ही संस्कृत विद्यालय के मेधावियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

मोदी ने अपने संबोधन में कई बार भोजपुरी बोलकर लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि, “बाबा जौन चाह देहलन ओके के रोक पावेला” पीएम मोदी ने आगे कहा कि, जिस काशी को काल से भी प्राचीन कहा जाता है, उसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त बना रही है। हम सब तो निमित्त मात्र हैं, काशी में करने वाले तो महादेव हैं। जहां महादेव की कृपा हो जाती है, वह धरती ऐसे ही संपन्न हो जाती है। काशी में चारों तरफ विकास का डमरू बज रहा है।

पीएम मोदी ने अपना सम्बोधन जारी रखते हुए कहा कि,‘हमारे ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्म के उत्थान में जिन भाषाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा है, संस्कृत उनमें सबसे प्रमुख है। भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख अभिव्यक्ति है। भारत एक यात्रा है, संस्कृत उसके इतिहास का प्रमुख अध्याय है। भारत विविधता में एकता की भूमि है, संस्कृत उसका उद्गम है।
