वाराणसी
वाराणसी : ट्रांसपोर्ट नगर किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम और विकास प्राधिकरण अधिकारियो संग की मैराथन बैठक
मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक विनय शंकर राय “मुन्ना” के नेतृत्व मे किसानों का प्रतिनिधिमंडल सुबह 11 बजे जिलाधिकारी एस राज लिन्गम की अध्यक्षता मे विकास प्राधिकरण अधिकारियों संग बिन्दुसार वार्ता किया जो लगभग तीन घण्टा चली। जिलाधिकारी ने कहा कि, उच्च न्यायालय इलाहाबाद और सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली मे मुकदमा विचाराधीन है इसलिये हम लोग कोई निर्णय नही ले सकते है, जो न्यायालय का आदेश होगा उसके तहत ही कार्रवाई होगी।
किसान नेता विनय राय ने कहा कि, किसान भी वैधानिक हक अधिकार के लिये ही आपके यहां आते हैं या न्यायालय में गये हैं। आप उच्च न्यायालय का हवाला दे रहे हैं तो उसका पालन प्रशासन करे, किसान स्वागत करेंगे। उच्च न्यायालय के मुकदमा संख्या 36353/2023 में स्थगन आदेश के बावजूद बैरवन के आराजी नंबर 96,97,101,102,103 पर किसानो की जमीन न एवार्ड हुई है न मुआवजा लिये हैं। उनके जमीनों पर कब्जे की कार्रवाई और परिसम्पत्तियों के नीलामी की प्रक्रिया पर विराम लगाते हुये दोषियो पर कार्यवाई होनी चाहिए।

जिलाधिकारी एस राज लिंगम और विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया तथा उक्त दोनो अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश तक बिना मुआवजा लिये किसानों के जमीन पर कोई कार्रवाई नहीं करने का भी वादा किया। जिलाधिकारी, विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष और विकास प्राधिकरण सचिव ने किसानो से सौहादपूर्ण तरीके से वार्ता करते हुये कहा कि किसानों के साथ पुरा न्याय हो इसके लिये आपलोगो से अब लगातार हमलोग सीधा संवाद करेंगे। किसानो ने विकास प्राधिकरण तहसीलदार के दुर्व्यवहार की शिकायत करते हुये कहा कि इनको मौके पर मत भेजिये क्योकि ये किसानो को प्रताड़ित करते है जिससे किसी भी दिन बवाल हो जायेगा जिसकी जिम्मेदारी इनका अमर्यादित एवं अकुशल कार्य प्रणाली होगी, जिसको गंभीरता से लेते हुये विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा कि अब कोई शिकायत नही आने देगे क्योकि हम भी किसान के बेटे हैं।
किसानो ने कहा कि हम लोग अपेक्षा करते हैं कि आप लोग जो वादा किये है उसको अविलम्ब कार्य रूप प्रदान करेगे उसके बाद किसानो को भरोसा हो जायेगा जिसके आधार पर किसान और प्रशासन वैधानिक प्रक्रिया के तहत कानून के दायरे मे ट्रान्सपोर्ट नगर योजना का निस्तारण करेगे अन्यथा किसान वैधानिक हक अधिकार के लिये निर्णायक अन्दोलन के लिये बाध्य होगा जिसकी कुल जिम्मेदारी जिलाप्रशासन की होगी।प्रतिनिधिमंडल मे मुख्य रूप से विनय शंकर राय “मुन्ना”, विजय नारायण वर्मा , लाला बिहारी पटेल, उदय प्रताप पटेल, मनोज वर्मा, संजय पटेल, उदयभान पटेल शामिल थे।
