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वाराणसी

विश्वविद्यालय में डिजी लॉकर सुविधा प्रारम्भ

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डिजी लॉकर प्रारंभ करने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिवस ही विद्यार्थियों को लाभ– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि इस संस्था के जनहित एवं छात्रों के हित में डिजी लॉकर पोर्टल का प्रारम्भ कर दिया गया है।इसके अंतर्गत 2015 से 2023 तक के शास्त्री, आचार्य के संस्थागत,व्यक्तिगत,बैक पेपर,श्रेणी सुधार आदि के प्रमाणपत्र अपलोड कर दिये गये हैं। कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति तथा उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर विद्यार्थियों की सुविधा की दृष्टि में डिजी लॉकर पोर्टल का प्रारम्भ किया गया है। डिजी लॉकर से सुविधा– अंक-सूची विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने के बाद महाविद्यालय को प्रदान की जाती है, जहाँ से छात्र अपनी अंक-सूची प्राप्त करते हैं। डिजी लॉकर प्रारंभ करने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिवस ही छात्र अपनी अंक-सूची डिजी लॉकर के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। छात्र के अंतिम वर्ष के परिणाम के साथ ही डिजी लॉकर के माध्यम से ऑनलाइन डिजिटल प्रोवीजनल डिग्री दी जा सकती है जिसे छात्र डिजीलाकर पोर्टल पर लागिन कर प्राप्तकर सकता है। छात्र सीधे अपने डिजी लॉकर अकाउंट से डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि छात्र सीधे अपने डिजी लॉकर अकाउंट से डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इससे प्रमाण-पत्रों के गुम होने की समस्या भी समाप्त हो जायेगी। अंक-सूची तथा उपाधि परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही छात्र को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि डिजी लॉकर के शुरू होने से प्रमाण-पत्र में सुधार बहुत ही कम समय में किया जाना संभव हो सकेगा। साथ ही प्रमाण-पत्रों में डिजिटल हस्ताक्षर होने से कर्मचारियों/अधिकारियों की जवाबदेही में वृद्धि होगी और सेवाओं की समयबद्ध रूप से आपूर्ति भी होगी। डिजी लॉकर में 2015 से 2023 तक के रिकॉर्ड अपलोड— प्रोग्रामर मोहित मिश्र ने डिजी लॉकर प्रारम्भ होने की जानकारी देते हुए बताया कि अभी प्रारम्भ में 2015 से 2023 तक के संस्थागत, व्यक्तिगत, बैक पेपर, श्रेणी सुधार, भूतपूर्व छात्र के शास्त्री ,आचार्य के लगभग डेढ़ लाख से अधिक( विश्वविद्यालय/संबद्ध महाविद्यालयों के डीग्री, प्रमाणपत्र) के रिकॉर्ड डिजी लॉकर पोर्टल पर अपलोड कर प्रकाशित कर दिए गए हैं। आगे क्रमश: अन्य रिकॉर्ड अंक पत्रों को अपलोड किए जाएंगे। प्रोग्रामर मोहित मिश्र ने बताया कि विशेषत: उक्त पोर्टल पर प्रमाणपत्र यूनिकोड- देवनागरी स्क्रिप्ट में उपलब्ध कराये गये हैं. डिजीलाकर पर उपलब्ध अंकपत्रों के प्रारूप को स्वीकृत्यर्थ एवं विचारार्थ परीक्षानियंत्रक को उपलब्ध करा दिया गया है। इस कार्य में प्रशांत कुमार दीक्षित का योगदान महत्वपूर्ण रहा है.

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