गोरखपुर
वर्षों से बंद सार्वजनिक शौचालय बना आमजन की परेशानी, पुनः संचालन की मांग
गोरखपुर। खजनी कस्बे में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली एक बार फिर प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल खड़े कर रही है। खजनी–सिकरीगंज मार्ग पर थाना परिसर के समीप स्थित सार्वजनिक शौचालय वर्षों से बंद पड़ा है, जो अब आमजन के लिए परेशानी, पीड़ा और मजबूरी का प्रतीक बन चुका है। व्यवसायी व समाजसेवी अरविन्द त्रिपाठी ने इस बंद पड़े शौचालय को अतिशीघ्र मरम्मत कराकर पुनः चालू कराने की माँग प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से की है।
अरविन्द त्रिपाठी ने मार्मिक शब्दों में कहा कि यह शौचालय केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा, बुजुर्गों की मजबूरी और आम नागरिकों की आवश्यकता से जुड़ा विषय है। इसके बंद रहने से बाजार के दुकानदारों, राहगीरों तथा बाजार में खरीदारी के लिए आने वाली सैकड़ों महिलाओं को भारी मानसिक व शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है। कई बार महिलाओं को असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जो एक सभ्य समाज के लिए अत्यंत पीड़ादायक है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या को पूर्व में कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के समक्ष उठाया गया, आश्वासन भी मिले, लेकिन धरातल पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। परिणामस्वरूप यह जनसमस्या दिन-प्रतिदिन और गंभीर होती जा रही है।

इस मांग के समर्थन में स्थानीय व्यापारी, पत्रकार और समाजसेवी एकजुट होकर सामने आए। सभी ने एक स्वर में कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी इस मूलभूत सुविधा की अनदेखी अब बर्दाश्त के बाहर है और प्रशासन को संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
मौके पर प्रमुख रूप से अरविन्द त्रिपाठी, रामबृच्छ वर्मा, शेषमणि पांडेय, राजेश जायसवाल, अनिल वर्मा, संदीप गुप्ता, रामसिंह वर्मा, योगेंद्र पांडेय, मनोज वर्मा, मुन्ना, दीपक निगम, गोरख निगम, अमितेश शर्मा, राजकुमार आर्य, रामप्रताप, अरुण मिश्र, रवी, संतोष मौर्य, विजय, सोनू, आरिफ, टीपू, मोनू, आनंद, परमात्मा, अंकित गुप्ता, बद्री आराध्या, नेहा, रितेश मुन्ना साहनी, मनोज वर्मा, प्रवीन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
सभी उपस्थित लोगों ने प्रशासन से अपील की कि मानवीय संवेदनाओं को समझते हुए इस सार्वजनिक शौचालय को शीघ्र दुरुस्त कराकर चालू कराया जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके और कस्बे की गरिमा बनी रहे।
