वाराणसी
‘ईश्वर हमारे साथ’ के भाव संग मनाया जाएगा क्रिसमस
धर्मप्रांत की अपील—हर घर बने शांति, संवाद और भाईचारे का केंद्र
वाराणसी (जयदेश)। क्रिसमस पर्व के अवसर पर वाराणसी के कैथोलिक धर्मप्रांत ने शांति, करुणा और आपसी सद्भाव का संदेश देते हुए सभी नागरिकों को ख्रीस्तजयंती तथा आने वाले नए वर्ष 2026 की शुभकामनाएँ दी हैं। यूजीन जोसेफ (बिशप, कैथोलिक डिओससें ऑफ़ वाराणसी) ने बताया कि प्रभु यीशु का जन्म इस सत्य की याद दिलाता है कि परमेश्वर हर व्यक्ति के निकट हैं, विशेषकर उन लोगों के जो जीवन की कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे हैं।
क्रिसमस का संदेश ‘इम्मानुएल—ईश्वर हमारे साथ’ के भाव को प्रकट करता है, जहां प्रभु यीशु मानव जीवन की कमजोरियों, संघर्षों और आशाओं को साझा करते हैं। युद्ध, विस्थापन, आर्थिक असमानता और पर्यावरणीय संकट से प्रभावित वर्तमान विश्व में बेथलेहम का बालक गरीबों और सृष्टि के प्रति ईश्वर की करुणा का प्रतीक है। यह पावन पर्व समाज में फैलती उदासीनता और घृणा को त्यागकर सभी धर्मों और समुदायों के बीच भाईचारे व सह-अस्तित्व को सुदृढ़ करने का आह्वान करता है।
धर्मप्रांत ने बताया कि वाराणसी की कलीसिया विश्वभर के ईसाई समुदायों के साथ मिलकर प्रार्थना, सादगी और जिम्मेदारी के भाव से क्रिसमस की तैयारी कर रही है। इस क्रम में चर्चों और पालना स्थलों पर दर्शनार्थियों का स्वागत किया जाएगा। मुख्य क्रिसमस नाइट मिस्सा 24 दिसंबर 2025 को रात 10:30 बजे सेंट मैरी कैथेड्रल में आयोजित होगी, जिसमें देश और पवित्र काशी नगरी में शांति, न्याय और सौहार्द के लिए विशेष प्रार्थनाएँ की जाएंगी।
कैथोलिक समुदाय अपनी आस्था को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सेवा कार्यों के माध्यम से व्यवहार में उतारता है। बच्चों और युवाओं, दिव्यांगों, बीमारों, वृद्धों तथा अकेलेपन का सामना कर रहे लोगों के लिए विशेष सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि उत्सव के समय कोई भी स्वयं को उपेक्षित न महसूस करे। धर्मप्रांत ने विभिन्न समुदायों के स्वयंसेवकों से इन पहलों में सहभागिता का आह्वान करते हुए कहा कि गरीबों की सेवा के मार्ग पर सभी धर्मों के लोग मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।
इन प्रयासों के अंतर्गत पूर्वांचल के दिव्यांगजनों के साथ एक विशेष कार्यक्रम 2 जनवरी 2025 को सेंट जॉन स्कूल, बीएलडब्ल्यू में आयोजित किया जायेगा। इसे समाज के सबसे कमजोर माने जाने वाले वर्गों के लिए आश्वासन और सांत्वना का संदेश बताया गया है।
नए वर्ष की दहलीज पर धर्मप्रांत ने कामना की है कि सभी को सद्बुद्धि, सत्य का प्रकाश और कमजोरों के प्रति करुणा का भाव प्राप्त हो। काशी विभिन्न धर्मों के सम्मान, संवाद और भाईचारे का केंद्र बनकर शांति का संदेश चारों ओर फैलाए।
बता दें कि, कैंटोनमेंट क्षेत्र में स्थित सेंट मैरी कैथेड्रल चर्च में क्रिसमस का पर्व कल धूमधाम से मनाया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए चर्च के द्वार दोपहर 2 बजे से खोल दिए जाएंगे और प्रभु यीशु के दर्शन करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहेगा। क्रिसमस का पर्व एक ऐसा पर्व होता है जिसे सभी धर्म के लोग बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
क्रिसमस का पर्व आपसी प्रेम, सद्भाव और खुशियाँ बाँटने का संदेश देता है। यह ऐसा त्योहार है, जिसे किसी एक धर्म की सीमा में नहीं बाँधा जा सकता, बल्कि हर वर्ग और हर आस्था के लोग इसे खुले दिल से मनाते हैं। इस दिन लोगों के चेहरों पर मुस्कान होती है, घरों और सड़कों पर रौनक दिखाई देती है और वातावरण में अपनापन महसूस होता है।
खास तौर पर बच्चों के लिए क्रिसमस का उत्साह अलग ही होता है सजावट, उपहार और सांता क्लॉज़ की कल्पना उनके मन में खुशी और उत्सुकता भर देती है। यही वजह है कि क्रिसमस केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि मिल-जुलकर खुशियाँ मनाने का अवसर बन जाता है।
