वाराणसी
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में “मिशन शक्ति” विशेष अभियान की शुरुआत
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में “मिशन शक्ति” अभियान (फेज़-5) के तहत पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ शनिवार को आधुनिक भाषा एवं भाषा विज्ञान सभागार में किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय “असाधारण उपलब्धियों वाली महिलाएं: प्रेरणा और नेतृत्व” रखा गया है। कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के मार्गदर्शन में अपराह्न 3 बजे प्रारंभ हुआ।
विशेष व्याख्यान देते हुए न्यायशास्त्र के विद्वान प्रो. रामपूजन पांडेय ने भारतीय संस्कृति में नारी की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वेदों और शास्त्रों में नारी को पूज्यनीय और सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। नारी को संपूर्ण कुटुंब की सृजनकर्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि वही शक्ति का प्रतीक और संस्कारों की प्रथम गुरु होती है।
मुख्य अतिथि ने साझा किए जीवन अनुभव
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एलआईसी प्लेटिनम ब्रिगेड मेंबर तथा जीवन बीमा मुख्य सलाहकार सुधा त्रिपाठी ने अपने संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। “जीवन में लक्ष्य प्राप्ति निष्ठा, समर्पण, ईमानदारी और धैर्य से ही संभव है,” उन्होंने कहा।
सुधा त्रिपाठी ने परिवार में सामंजस्य, दाम्पत्य संबंधों में विश्वास और परस्पर सहयोग को सफलता का आधार बताया। उन्होंने छात्रों को अपने संस्मरणों के जरिए जीवन के वास्तविक दर्शन से अवगत कराया।
मिशन शक्ति का उद्देश्य
जनसम्पर्क अधिकारी शशीन्द्र मिश्र ने मिशन शक्ति अभियान की प्रासंगिकता और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। वहीं नोडल अधिकारी प्रो. विद्या कुमारी चंद्रा ने कहा कि यह कार्यशाला महिलाओं के नेतृत्व कौशल को विकसित करने, नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम की शुरुआत और सहभागिता
कार्यक्रम का आरंभ वैदिक एवं पौराणिक मंगलाचरण के साथ हुआ। मंचस्थ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन किया गया। अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम से किया गया।
इस अवसर पर जीवन बीमा निगम के मुख्य सलाहकार अमित त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के अध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
