गोरखपुर
सरयू तट पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, जय विष्णु भगवान के जयकारों से गूंजा आसमान
गोरखपुर। देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर गोरखपुर के गोला क्षेत्र स्थित पवित्र सरयू तट पर शनिवार की सुबह श्रद्धा और आस्था का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला। भोर होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ नदी किनारे पहुंचने लगी। हर तरफ “जय श्री हरि”, “जय विष्णु भगवान” और “हरि बोल” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी स्नान कर भगवान विष्णु की आराधना में लीन दिखे।
मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, और इसी के साथ शुभ कार्यों विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि की शुरुआत मानी जाती है। श्रद्धालुओं ने तुलसी, तिल और गंगाजल से भगवान विष्णु का पूजन किया तथा परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की।

सरयू तट पर दीपदान का अद्भुत दृश्य देखने लायक था। हजारों दीप जब लहरों पर तैरने लगे, तो ऐसा प्रतीत हुआ मानो पूरी सरयू स्वर्णिम प्रकाश में नहा उठी हो। स्थानीय लोगों ने इसे “आस्था का दीपोत्सव” बताया।
इसके अलावा श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया। गोला बाजार में गन्ना, सिंघाड़ा, फूल-माला और तुलसी की खूब बिक्री हुई, जिससे व्यापारियों के चेहरे पर भी रौनक लौट आई। प्रशासन की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतज़ाम किए गए थे।
देवउठनी एकादशी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि सामाजिक एकता और स्वच्छता का भी संदेश देता है। सरयू तट पर उमड़ी इस आस्था की भीड़ ने यह साबित कर दिया कि जब बात धर्म और संस्कृति की होती है तो गोरखपुर की जनता सबसे आगे रहती है।
