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वाराणसी

अस्पताल पर विदेशी नागरिक से धोखाधड़ी का आरोप, उंगली के इलाज के लिए वसूले लाखों

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वाराणसी। जिले के चितईपुर स्थित आर्क प्लस सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल पर तुर्कमेनिस्तान के नागरिक मुहम्मेतगुली अन्नागुलीयेव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अस्पताल ने उंगली के मामूली इलाज के नाम पर उनसे 20 लाख रुपये वसूले। उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाज के नाम पर उनसे धोखाधड़ी की गई और अत्यधिक बिल थमाया गया, जबकि सर्जरी सामान्य थी।

विदेशी नागरिक ने मामले की जांच कर रही पांच चिकित्सकों की समिति के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में दस्तावेज भी प्रस्तुत किए।

मुहम्मेतगुली ने जांच समिति को बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से अपनी टूटी उंगली की रोबोटिक सर्जरी की बात की थी। उन्हें बताया गया था कि अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध है, जिसके आधार पर उन्होंने भारत आने के लिए वीजा लिया। बाद में रोबोटिक सर्जरी के नाम पर उनसे 20 हजार अमेरिकी डॉलर और वाराणसी में अन्य सुविधाओं के नाम पर दो हजार अमेरिकी डॉलर वसूले गए।

उनका कहना है कि इलाज के दौरान अस्पताल के चिकित्सकों ने सामान्य सर्जरी की और बिना किसी आवश्यकता के 11 दिन तक अस्पताल में रोके रखा। हास्पिटल की ओर से जारी बिल में एक ही दिन में विभिन्न विभागों के पांच चिकित्सकों की कंसल्टेंसी फीस पांच हजार से दस हजार रुपये प्रति डॉक्टर तक दिखाई गई।

तुर्कमेनिस्तान के बितारप निवासी और बॉक्सिंग कोच मुहम्मेतगुली अन्नागुलीयेव ने इस धोखाधड़ी की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की थी। शिकायत पर लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के सीएमएस डॉ. गिरीश चंद्र द्विवेदी की निगरानी में जांच समिति गठित की गई है।

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इस समिति में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसबीएस कुशवाहा को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि डॉ. एनके यादव, डॉ. जेपी वर्मा, डॉ. प्रेषक द्विवेदी और डॉ. देवानंद सदस्य हैं।

स्वास्थ्य विभाग की जांच के अलावा, एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। मुहम्मेतगुली ने बताया कि उन्होंने पहले स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की थी, परंतु जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने कमिश्नरेट पुलिस (सीपी) को अपनी व्यथा बताई। इसके बाद मंडुवाडीह थाने में आर्क प्लस सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के प्रबंधक और सिंगरौली के नेहरू नगर निवासी सूर्य प्रकाश नारायण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पर्यटन विभाग से उनका मोबाइल नंबर लेकर उन्हें फंसाया गया और झूठी सुविधाओं का लालच देकर धोखा दिया गया। मामले की जांच फिलहाल जारी है, जिसमें पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों स्तरों पर कार्रवाई की जा रही है।

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