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ECC एजुकेटर भर्ती में धांधली का आरोप, अभ्यर्थी ने दर्ज कराई शिकायत

1 लाख रिश्वत का दबाव, मेरिट के बावजूद नाम चयन सूची से बाहर
संतकबीरनगर। योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करती है, लेकिन जिले में ECC एजुकेटर भर्ती को लेकर उठे आरोप इस नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ग्राम मुखलिसपुर निवासी अभ्यर्थी कु. पूजा पत्नी राहुल कुमार ने बीएसए कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में गंभीर धांधली हुई है।
पूजा का आरोप है कि उन्होंने 111 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी 3 मई 2025 को बीएसए कार्यालय में जमा कराई थी। मेरिट 70.93% होने के बावजूद उनका नाम चयन सूची में नहीं डाला गया, जबकि कम अंक वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल किया गया।
पूजा ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें दो महीने पहले एक अननोन नंबर से ₹1,00,000 देने का दबाव बनाया गया। उन्होंने योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हवाला देते हुए पैसे देने से इनकार किया, लेकिन इसके बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया।
पूजा के अनुसार, इसी तरह एक अन्य अभ्यर्थी प्रार्थना को भी दो महीने पहले फोन आया था जिसमें कहा गया कि एजुकेटर भर्ती में शामिल होने के लिए ₹1,00,000 देना होगा। प्रार्थना ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया, लेकिन उसके नाम को भी सूची से हटा दिया गया।
पूजा के अंक इस प्रकार हैं:
हाई स्कूल: 427/600 — 71.16%
इंटरमीडिएट: 395/500 — 79%
बीएससी अंतिम वर्ष (होम साइंस, संस्कृत): 1131/1800 — 62.63%
कुल फाइनल गुणांक: 70.93%
पूजा का आरोप है कि उनके और प्रार्थना जैसे योग्य अभ्यर्थियों को सूची से बाहर कर दिया गया, जबकि कम गुणांक वाले अभ्यर्थियों को बुलाकर काउंसलिंग कराई गई, जो कि चयन प्रक्रिया में पूर्ण रूप से अनुचित और मनमाना है।
इस पूरे मामले में पूजा ने बीएसए कार्यालय एवं NIT मऊ पर कानूनी कार्यवाही की मांग की है और कहा कि मेरिट सूची को सार्वजनिक कर निष्पक्ष चयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले से चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं और उन्होंने पारदर्शी जांच की मांग की है।