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गोरखपुर

परिवार परामर्श केंद्र की पहल से टूटा रिश्ता जुड़ा

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गोरखपुर। परिवार परामर्श केंद्र की पहल से टूटा रिश्ता जुड़ा, पति-पत्नी फिर से साथ रहने को राजी हुए। महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र में रविवार को एक ऐसे दंपति की कहानी सुखद मोड़ पर पहुंची, जो लंबे समय से आपसी मतभेदों के कारण अलगाव की कगार पर था

महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र में रविवार को एक ऐसे दंपति की कहानी सुखद मोड़ पर पहुंची, जो लंबे समय से आपसी मतभेदों के कारण अलगाव की कगार पर था। परामर्श केंद्र के काउंसलरों की संवेदनशील पहल, धैर्यपूर्ण सुनवाई और सतत काउंसलिंग की बदौलत पति-पत्नी के बीच फैला मनमुटाव दूर हुआ और दोनों ने फिर से साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया।

जानकारी के मुताबिक अनुसार, यह मामला काफी समय से परिवार परामर्श केंद्र में लंबित था। दोनों पक्षों के बीच संवादहीनता और परस्पर अविश्वास के चलते वैवाहिक संबंध टूटने की स्थिति में पहुंच गए थे। लेकिन केंद्र की टीम ने हार नहीं मानी। निरंतर बैठकों और भावनात्मक संवाद के माध्यम से दोनों को एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने का अवसर दिया गया। आखिरकार आज की काउंसलिंग में दोनों पक्ष बिना किसी दबाव के, स्वेच्छा से एक साथ रहने के लिए राजी हो गए।

सम्मान और समझ के साथ आगे जीवन जीने की बात

काउंसलिंग के दौरान पति-पत्नी ने परस्पर सहयोग, सम्मान और समझ के साथ आगे जीवन जीने की बात कही। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आपसी गलतफहमी और बाहरी हस्तक्षेप ने उनके संबंधों में दरार पैदा की थी, जिसे अब वे आपसी संवाद से दूर करेंगे। केंद्र के काउंसलरों ने उन्हें परिवार की जिम्मेदारियों को साझा भाव से निभाने और बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता देने की सलाह दी।

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इस महत्वपूर्ण पहल में परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलर डॉ. प्रियंका त्रिपाठी, डॉ. विकास रंजन मणि त्रिपाठी, वशिष्ठ राय, अवनीश चौधरी और अमन सिंह की भूमिका विशेष रूप से सराहनीय रही। वहीं केंद्र प्रभारी उपनिरीक्षक सुनीता, महिला मुख्य आरक्षी कौशल्या चौहान, महिला मुख्य आरक्षी अनीता यादव, आरक्षी ऋतु सिंह, आरक्षी शिखा और आरक्षी अंतिमा तिवारी ने भी पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ सहयोग किया।

परिवार परामर्श केंद्र के इस सफल प्रयास ने एक बार फिर यह साबित किया है कि अगर समस्याओं को संवाद, सहानुभूति और समझदारी के साथ सुलझाया जाए, तो टूटते रिश्ते भी दोबारा जुड़ सकते हैं। यह मामला उन तमाम दंपतियों के लिए प्रेरणा है, जो किसी गलतफहमी या गुस्से के कारण जीवन के रिश्तों को तोड़ने की सोच रहे हैं।

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