मिर्ज़ापुर
विन्ध्य महोत्सव के दूसरे दिन देवी गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन

विन्ध्याचल (मिर्जापुर)। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर चल रहे नौ दिवसीय विन्ध्य महोत्सव का दूसरा दिन पूरी तरह सांस्कृतिक रंगों में सराबोर रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
मंच पर कलाकारों ने मां विंध्यवासिनी की स्तुति में भजन और देवी गीत प्रस्तुत किए, जिन्हें सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो उठे।स्थानीय स्कूल-कॉलेज की छात्राओं ने कजरी और धार्मिक प्रसंगों पर आधारित नृत्य-नाटिकाएं प्रस्तुत कीं।
कलाकारों ने लोकगीत, भजन और संस्कृत श्लोकों का संगम पेश किया, जिससे पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बाहर से आए लोकगायक दल ने भी विंध्य क्षेत्र की लोक परंपरा से जुड़े गीत प्रस्तुत किए, जिनका दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया।
आयोजकों ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करना भी है। कार्यक्रम के अंत में मंच पर मौजूद विशिष्ट अतिथियों ने कलाकारों को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। दर्शकों ने कहा कि विन्ध्य महोत्सव का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को गहराता है, बल्कि स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बड़ा मंच भी प्रदान करता है।