वाराणसी
फरक्का एक्सप्रेस लूटकांड: सात आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

वाराणसी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (उत्तर रेलवे) अभिनव जैन की अदालत ने फरक्का एक्सप्रेस में यात्रियों पर पत्थर मारकर मोबाइल छीनने के मामले में सात आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अभियोजन की ओर से विशेष अभियोजक अधिकारी रविन्द्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा। वहीं व्यासनगर आरपीएफ इंस्पेक्टर सुमन कुमार ठाकुर भी अदालत में मौजूद रहे। इंस्पेक्टर ठाकुर की तहरीर पर ही यह मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपियों की करतूत से यात्रियों की जान पर खतरा उत्पन्न हो गया था। हाल के दिनों में इस तरह की वारदातों में कई यात्री घायल हुए हैं और कुछ की मौत भी हो चुकी है।
पूछताछ में आरोपियों ने किया जुर्म कबूल
रेलवे पुलिस ने बताया कि घटना के बाद सभी आरोपियों – कमलेश बिन्द उर्फ टुनटुन, बलराम उर्फ बलमा, बुल्लू कुमार, उपेन्द्र कुमार, लल्लू, ओमप्रकाश और आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पूछताछ के दौरान इन सभी ने अपना जुर्म स्वीकार कर घटनाक्रम बताया।
आरोपियों ने बताया कि 11 अगस्त को फरक्का एक्सप्रेस से सफर कर रहे एक यात्री से मोबाइल छीनने की कोशिश में उसके हाथ पर पत्थर मारा गया। इस दौरान यात्री ट्रेन से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया और आरोपी मोबाइल लेकर फरार हो गए।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह रेलवे सिग्नल के पास खड़े होकर ट्रेन में दरवाजे पर खड़े यात्रियों पर डंडा और पत्थर से हमला कर उनके मोबाइल लूटता था।
अभियुक्त पक्ष की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए याचिका को स्वीकार करने योग्य नहीं माना और सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।