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वाराणसी

बैंक अधिकारी बनकर ठग ने उड़ाये 45 हजार

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वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर इलाके में साइबर ठगी का मामला सामने आया है। नवनीत कुमार को 2 अगस्त को एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के क्रेडिट कार्ड विभाग का अधिकारी बताया। उन्होंने बड़ी चालाकी से नवनीत को अपने जाल में फंसा लिया।

ठग ने नवनीत को बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड पर एक इंश्योरेंस प्लान सक्रिय है और इसे बंद न कराने पर हर महीने 4,000 रुपए कटेंगे। इसके बहाने उन्होंने नवनीत से क्रेडिट कार्ड का पूरा विवरण हासिल किया। नवनीत को भनक तक नहीं लगी कि वह किसी ठग के जाल में फंसे हैं।

कार्ड का विवरण देने के कुछ ही मिनटों बाद नवनीत के खाते से 45,000 रुपए की बड़ी रकम “स्क्रीनकप सॉफ्टवेयर, नई दिल्ली” के नाम से निकल गई। घटना का खुलासा नवनीत को अगले दिन हुआ, जब उन्होंने अपना बैलेंस चेक किया।

घबराए नवनीत ने तुरंत क्रेडिट कार्ड सहायता केंद्र से संपर्क किया और कार्ड को ब्लॉक करवा लिया। इसके बाद उन्होंने भेलूपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। थानाध्यक्ष सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66डी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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पुलिस ने कहा कि साइबर ठग अक्सर खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों से ओटीपी, कार्ड नंबर और अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते हैं। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए कभी भी फोन पर निजी जानकारी साझा न करें।

साइबर अटैक के तरीके में मालवेयर अटैक, फिशिंग अटैक, पासवर्ड अटैक और स्मिशिंग शामिल हैं। मालवेयर अटैक में संदिग्ध सॉफ्टवेयर के जरिए सिस्टम को नुकसान पहुंचाया जाता है। फिशिंग अटैक में यूजर के पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर जैसी निजी जानकारी चुराई जाती है। पासवर्ड अटैक में सॉफ़्टवेयर से सिस्टम तक पहुंच बनाई जाती है। स्मिशिंग में ईमेल या SMS के जरिए फ्रॉड किया जाता है।

पुलिस की साइबर सेल कॉल डिटेल्स और भुगतान प्लेटफॉर्म की जानकारी जुटा रही है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी ने दिल्ली से फर्जी लेन-देन किया है, इसलिए आवश्यक होने पर दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी।

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