गाजीपुर
हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता : प्रमोद
जखनियां (गाजीपुर)। मालेगांव ब्लास्ट पर कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष प्रमोद वर्मा ने कहा कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम ब्लास्ट में उस समय की तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कर्नल पुरोहित, प्रज्ञा भारती समेत अन्य हिन्दू नेताओं की संलिप्तता दिखाकर ‘हिंदू आतंकवाद’ का जो नाम गढ़ा गया था, वह आज कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।
मुंबई के 26/11 हमले में भी दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद और हिंदू संगठनों को बदनाम करने का प्रयास किया था। प्रमोद वर्मा ने कहा कि कांग्रेस की पूरी मानसिकता ही हिंदू विरोधी रही है। आज़ादी के बाद सत्ता में आई कांग्रेस लगातार तुष्टीकरण की राजनीति करती आई है और भारत में रहने वाले हिंदुओं को हमेशा हेय दृष्टि से देखा है, उन्हें द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना है।
सारे फैसले और कानून ऐसे बनाए गए जो स्पष्ट रूप से हिंदुओं के खिलाफ हैं। प्रमोद वर्मा ने कहा कि हिंदू आतंकवाद को देश पर जबरन थोपने का जो षड्यंत्र कांग्रेस पार्टी ने रचा था, वह आज न्यायालय के फैसले से ध्वस्त हो गया है। मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं थे।
कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाले कर्नल पुरोहित पर आरोप लगाए गए। प्रज्ञा ठाकुर पर ब्लास्ट में उनकी मोटरसाइकिल के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया। उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि वह चलने-फिरने लायक भी नहीं रहीं। यह सब विशुद्ध रूप से वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस की साजिश थी। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि धमाके के बाद पंचनामा ठीक से नहीं किया गया, घटनास्थल से फिंगरप्रिंट नहीं लिए गए और बाइक का चेसिस नंबर कभी रिकवर नहीं हो पाया। साथ ही, यह भी सिद्ध नहीं हुआ कि वह बाइक साध्वी प्रज्ञा के नाम पर थी। अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि सातों आरोपी निर्दोष हैं और केवल संदेह के आधार पर किसी को सजा नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
