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वाराणसी

कई फर्नीचर दुकानों का व्यापार ठप, बैरिकेडिंग से व्यापारी परेशान

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वाराणसी। सावन में काशी के फर्नीचर व्यापार पर मंदी की मार पड़ी है। जंगमबाड़ी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण व्यापार चौपट हो गया है। व्यापारियों ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के नाम पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दी गई है, जिससे मालवाहक गाड़ियां दुकानों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। इससे 70 से अधिक फर्नीचर दुकानों का कारोबार ठप हो गया है। यहां प्रतिदिन 50 लाख रुपये तक का फर्नीचर व्यापार होता था, लेकिन अब सामान की आपूर्ति नहीं हो पाने के कारण व्यापारी परेशान हैं।

व्यापारियों का कहना है कि कभी-कभी अपने वाहन भी दुकान के सामने खड़ा करना मुश्किल हो जाता है, जबकि ऑटो और ई-रिक्शा का अंधाधुंध आवागमन जारी है। पुलिस प्रशासन भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। बाजार में बैरिकेडिंग के पास अवैध रूप से ऑटो खड़े होने से जाम की स्थिति बन जाती है। व्यापारियों का सुझाव है कि गोदौलिया से लंका जाने वाली सड़क को वन वे कर दिया जाए ताकि जाम से राहत मिले और व्यापार सुचारु रूप से चल सके।

व्यापारियों ने कहा कि मदनपुरा में निर्धारित ऑटो स्टैंड होने के बावजूद चालक गाड़ियां सड़क पर खड़ी कर देते हैं, जिससे विवाद की स्थिति बन जाती है। अस्सी से गोदौलिया के बीच सोनारपुरा, पांडेय हवेली, मदनपुरा और जंगमबाड़ी में चार बैरिकेडिंग लगाई गई हैं, लेकिन लापरवाही के चलते ऑटो और ई-रिक्शा गोदौलिया तक पहुंच जाते हैं।

महामंत्री रमेश यादव ने कहा कि यहां की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। दुकान के आगे वाहन खड़े नहीं हो पाते और जाम लगा रहता है। सड़क को वन वे कर देने से समस्या का हल निकलेगा। व्यापारी अजय जायसवाल ने कहा कि कारोबार में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। तीन साल पहले तक यहां से यूपी-बिहार तक फर्नीचर की सप्लाई होती थी, लेकिन अब यह केवल बनारस तक सिमट गई है। व्यापारी नवीन वर्मा ने बताया कि महाकुंभ के दौरान लगी बैरिकेडिंग अभी तक नहीं हटी है। मालवाहकों का आवागमन रात 9 बजे के बाद और सुबह 8 बजे के पहले ही हो पाता है, जिससे भाड़ा दोगुना हो गया है।

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