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वाराणसी

“वृक्षारोपण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है” : डॉ. अरुण सक्सेना

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पर्यावरण मंत्री ने दी ‘थीम बेस्ड प्लांटेशन’ और जनसहभागिता बढ़ाने पर जोर

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने रविवार को वाराणसी में मण्डल स्तरीय विभागीय बैठक के दौरान वर्षाकाल-2025 में वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा की। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि “पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ एवं पर्यावरण बचाओ” केवल एक नारा नहीं, बल्कि धरातल पर अमल योग्य संकल्प होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पौधारोपण महज गड्ढे भरना और पौधा लगाना नहीं है, बल्कि पौधों की देखभाल, सुरक्षा और उचित वृद्धि सुनिश्चित करना भी उतना ही आवश्यक है। मंत्री ने सड़कों के किनारे ‘थीम बेस्ड प्लांटेशन’, और कॉलोनियों व घरों में उच्च गुणवत्ता वाले पौधों के रोपण की आवश्यकता बताई, जिससे दीर्घकालीन पर्यावरणीय लाभ सुनिश्चित किए जा सकें।

बाबतपुर पौधशाला का निरीक्षण, पौधों की गुणवत्ता की सराहना
मंत्री ने बाबतपुर स्थित पौधशाला का निरीक्षण करते हुए महोगनी, इमली, कचनार, शीशम, पीपल, बरगद जैसे पौधों की स्थिति की सराहना की। उन्होंने निर्देश दिए कि 8 से 10 फीट ऊंचे पौधों को ‘आयरन गार्ड’ में लगाया जाए, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य
एस.टी.पी. रमना में मियावाकी पद्धति से किए गए वृक्षारोपण के लिए अग्रिम मृदा कार्यों की तारीफ करते हुए मंत्री ने करखियांव स्थित बनास डेयरी (अमूल फैक्ट्री) में प्रस्तावित मियावाकी वृक्षारोपण (क्षेत्रफल 1.50 हेक्टेयर) पर भी संतोष जताया।

जनसहभागिता होगी अभियान की रीढ़
डॉ. सक्सेना ने जोर देकर कहा कि वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने में एनजीओ, विद्यालयों, बच्चों और स्थानीय संस्थाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि फलदार पौधों को प्राथमिकता देते हुए पौध वितरण किया जाए, ताकि लोगों को प्रत्यक्ष लाभ के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन भी सुनिश्चित किया जा सके।

औद्योगिक क्षेत्रों में भी बढ़ेगा हरियाली का विस्तार
पर्यावरण मंत्री ने औद्योगिक क्षेत्रों में भी वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया और संबंधित अधिकारियों को इसके लिए स्थल चयन और योजनाबद्ध पौधारोपण के निर्देश दिए।

अधिकारियों की उपस्थिति में बनी कार्य योजना
इस अवसर पर बैठक में वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह, वाराणसी की प्रभागीय वनाधिकारी श्रीमती स्वाति श्रीवास्तव, काशी वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ दिलीप कुमार, गाजीपुर के प्रभागीय निदेशक विवेक यादव, जौनपुर के डीएफओ सरफराज आलम, उप प्रभागीय वनाधिकारी राकेश कुमार, विक्रेता प्रबंधक आर.के. चन्दना और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाराणसी के क्षेत्रीय अधिकारी रोहित सिंह भी उपस्थित रहे।

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