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वाराणसी

BHU : अस्पताल में अव्यवस्थाओं के खिलाफ छात्रों का फूटा गुस्सा, फूंका पुतला

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में लगातार बढ़ती अव्यवस्थाओं, दलाली के नेटवर्क और स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती गुणवत्ता के खिलाफ शनिवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित छात्रों ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और विरोध स्वरूप मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. के.के. गुप्ता और IMS निदेशक डॉ. एस.एन. शंखवार का पुतला दहन किया।

छात्रों ने आरोप लगाया कि अस्पताल अब चिकित्सा सेवा का केंद्र नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है और निजी जांच केंद्रों से मिलीभगत कर मरीजों को दलालों के माध्यम से वहां भेजा जा रहा है।

छात्र प्रतिनिधि पुनीत मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह संस्थान महामना मालवीय जी की परिकल्पना का अपमान कर रहा है। यहां पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के गरीब मरीज आते हैं, पर अब उनके इलाज में भी दलाली हावी हो गई है।”

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छात्रों ने मरीजों को नियमित भोजन, डिजिटल जांच रिपोर्ट, पारदर्शी शुल्क व्यवस्था, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, आईसीयू नीति में स्पष्टता, और स्वास्थ्य संकुल की आपात सेवाएं बहाल करने जैसी मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि केवल छह इमरजेंसी बेड में हजारों छात्रों का इलाज संभव नहीं है।

छात्र दिव्यांश धर दुबे ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई और भ्रष्ट अधिकारियों को नहीं हटाया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। विरोध प्रदर्शन में पल्लव, श्यामल, यशवर्धन, आयुष, शिवम् सोनकर समेत कई छात्र उपस्थित रहे। छात्रों की यह चेतावनी बीएचयू प्रशासन के लिए एक गंभीर संकेत है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो विश्वविद्यालय एक बड़े छात्र आंदोलन की चपेट में आ सकता है।

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