गाजीपुर
एडिशनल सीएमओ के औचक निरीक्षण से प्राइवेट अस्पतालों में मची खलबली, लापरवाही उजागर

मुहम्मदाबाद (गाजीपुर)। तहसील क्षेत्र के विभिन्न अल्ट्रासाउंड केंद्रों और निजी अस्पतालों पर मंगलवार को एडिशनल सीएमओ डॉ. रामकुमार ने औचक निरीक्षण किया, जिससे कई केंद्रों पर हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान कई जगह डॉक्टर और स्टाफ नदारद मिले, कुछ अस्पतालों में गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं।
स्वास्तिका हॉस्पिटल की लापरवाही से हतप्रभ स्वास्थ्य विभाग
मुहम्मदाबाद के समीप अदिलाबाद कोल्ड स्टोरेज के बगल स्थित स्वास्तिका हॉस्पिटल में निरीक्षण के समय कोई भी डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था। जांच में पता चला कि यहां चार दिन पूर्व एक महिला की सिजेरियन डिलीवरी कराई गई थी, लेकिन आज तक जच्चा-बच्चा का टीकाकरण तक नहीं हुआ। ऑपरेशन थिएटर की स्थिति भी बेहद खराब पाई गई। अस्पताल में मेडिकल बायो वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था नहीं मिली, साथ ही फायर एनओसी समेत अन्य जरूरी कागजात भी नहीं दिखाए जा सके। इस पर अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर तीन कार्य दिवस में समस्त प्रमाणपत्रों सहित जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
महादेव हॉस्पिटल का पंजीकरण तक नहीं, फिर भी ऑपरेशन
डिग्री कॉलेज चौमुहानी स्थित महादेव हॉस्पिटल का सीएमओ कार्यालय में कोई पंजीकरण दर्ज नहीं मिला। बावजूद इसके यहां आठ दिन पूर्व एक महिला का बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था और निरीक्षण के समय भी एक महिला मरीज भर्ती पाई गई। यह गंभीर अनियमितता मानते हुए अस्पताल को नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
साईं हॉस्पिटल में गंदगी, अल्ट्रासाउंड केंद्रों में भी अनियमितता
तिवारीपुर मोड़ स्थित साईं हॉस्पिटल में कई मरीज भर्ती थे और डॉक्टर एवं स्टाफ मौजूद थे, लेकिन साफ-सफाई की हालत बेहद खराब पाई गई। यहां भी नोटिस जारी किया गया।
अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच में फाइन अल्ट्रासाउंड और लाजिक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर डॉक्टर और स्टाफ मौजूद मिले, जबकि भारत अल्ट्रासाउंड, उदार अल्ट्रासाउंड व न्यू आरपी डायग्नोस्टिक सेंटर पर डॉक्टर अनुपस्थित थे। इन सभी को नोटिस देकर तीन कार्यदिवस में जवाब देने को कहा गया है। हेल्थ केयर डायग्नोस्टिक व हिंद डायग्नोस्टिक सेंटर बंद मिले। इनके संचालकों को कार्यालय से नोटिस भेजा जाएगा।
लापरवाह संस्थाओं पर होगी कड़ी कार्रवाई: एडिशनल सीएमओ
पूछे जाने पर एडिशनल सीएमओ डॉ. रामकुमार ने स्पष्ट कहा कि स्वास्थ्य मानकों के विपरीत संचालित किसी भी अस्पताल या सेंटर को बख्शा नहीं जाएगा। यदि नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विधिक कार्रवाई तय है।