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मऊ

मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना खतरनाक, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

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मऊ। एक मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. बी.के. यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ. वकील अली, डीआईओ डॉ. संजय गुप्ता और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. रविशंकर पांडेय ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस मौके पर डॉ. राहुल सिंह ने मानसिक बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को पहचानने की महत्ता पर बात की। वहीं, डॉ. रविशंकर पांडेय ने इस सामान्य गलतफहमी को दूर किया कि हर मानसिक बीमारी पागलपन होती है। उन्होंने बताया कि डिप्रेशन, अत्यधिक चिंता, घबराहट, नींद की समस्या, अनजाने भय का अनुभव और आत्महत्या के विचार जैसे लक्षण मानसिक समस्याओं के संकेत हो सकते हैं।

नोडल अधिकारी डॉ. बी.के. यादव ने यह भी बताया कि ऐसे लक्षण महसूस करने पर टेलीमनोस हेल्पलाइन पर संपर्क किया जा सकता है या जिला चिकित्सालय स्थित ‘मन कक्ष’ में विशेषज्ञों से सलाह ली जा सकती है।

डॉ. रविशंकर पांडेय ने यह स्पष्ट किया कि मानसिक रोगी को पागल मानना पूरी तरह गलत है, क्योंकि अधिकतर मानसिक बीमारियों का इलाज संभव है यदि समय रहते पहचान कर सही उपचार लिया जाए। उन्होंने नशीले पदार्थों के सेवन से बचने की सलाह दी, क्योंकि ये मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को और बढ़ा सकते हैं।

इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय रहते उपचार के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

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