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वाराणसी

हिरासत में मौत का मामला : कचहरी चौकी इंचार्ज सहित चार पुलिसकर्मी निलंबित

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वाराणसी। कैंट थाना क्षेत्र की लापता किशोरी के अपहरण मामले में आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना ने कार्रवाई करते हुए शनिवार देर रात कचहरी चौकी इंचार्ज गौरव कुमार मिश्रा सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मियों में दरोगा आयुष कुमार पांडेय, हेड कांस्टेबल बृज बिहारी ओझा और सिपाही सिंधु गौड़ भी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, 16 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ किशोरी 23 अक्टूबर को कचहरी क्षेत्र से लापता हो गई थी।  इस किशोरी के बारे में कैंट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने जांच में सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस का सहारा लिया जिससे यह पता चला कि किशोरी को बिहार के भोजपुर जिले के बिलौटी गांव निवासी 50 वर्षीय पंचम पांडेय अपने साथ ले गया था।

किशोरी की बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कचहरी चौकी इंचार्ज गौरव कुमार मिश्रा की अगुवाई में एक टीम बिहार भेजी गई थी। टीम ने किशोरी को बरामद कर पंचम पांडेय को गिरफ्तार कर लिया और उसे वाराणसी लेकर लौट रही थी।

रास्ते में मोहनिया क्षेत्र में हाईवे किनारे भोजन के लिए रुकने पर पंचम पांडेय ने टॉयलेट जाने की बात कही। काफी समय बाद भी वह बाहर नहीं आया तो दरवाजा तोड़ा गया। वहां पंचम पांडेय फर्श पर गिरा मिला और उसके गले में गमछा लिपटा हुआ था।

घटना के बाद मोहनिया थाने की पुलिस ने जांच शुरू की। प्रथम दृष्टया पुलिसकर्मियों की लापरवाही को देखते हुए डीसीपी वरुणा जोन ने कार्रवाई करते हुए चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के अनुसार, आरोपी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एसीपी कैंट की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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