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वाराणसी

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने DM वाराणसी को भेजी लीगल नोटिस

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रिपोर्ट : मनोकामना सिंह
वाराणसी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का 108 घंटे चला अनशन समाप्त हो चुका है। शनिवार से अन्न-जल त्याग का ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा और राग-भोग पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह अनशन शंकराचार्य स्वरूपा नंद सरस्वती के आदेश पर तोड़ा है। उन्होंने देशव्यापी आंदोलन का भी एलान किया है। वहीं इन सब के बीच डीएम वाराणसी को स्वामी जी की तरफ से उनके अधिवक्ता ने लीगल नोटिस भेजी है और सात दिनों के अंदर जवाब माँगा है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी विडम्बना है कि काशी में भगवान् शंकर भूखे हैं जो पूरे विश्व को भोजन उपलब्ध करवाते हैं। वर्तमान समय में स्वामी अवमुक्तेश्वरानंद उपवास पर बैठे थे। उन्होंने आज सुबह अपना उपवास तोड़ है। उनके द्वारा कल रात में ही जिलाधिकारी वाराणसी को लोईंगाल नोटिस भेजी गयी थी पर वह रिसीव नहीं हुई थी जिसपर मैंने कहा था कि में स्वयं इसे रिसीव कराऊंगा और आज सुबह जिलाधिकारी के कार्यालय पर रिसीव करवाते हुए उन्हें रजिस्टर डाक से भी नोटिस भेजी है। यह नोटिस शृंगार गौरी प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो आदेश हुआ उसमे शैल बी ड्यूली प्रोटेक्टेड शब्द का इस्तेमाल किया गया है। उसके ऊपर भी लिखा है कि दोनों पक्षकारों की सहमति से वहां पर जो व्यवस्थाएं जिस रुप से हैं उस रूप में संचालित करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएम ने बिना सोचे-बिना विचारे मुस्लिम पक्ष को वजू करने का अधिकार दे दिया। उन्हें नमाज पढ़ने का अधिकार दे दिया और हिन्दू पक्ष के लोगों को नहीं वहां मिले शिवलिंग की पूजा करने का अधिकार नहीं दिया। मछली का चारा तो मिल रहा है पर भगवान को भोजन नहीं मिल रहा है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऑर्डर का कहीं न कहीं से जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा प्रतिपालन नहीं किया जा रहा है और उन्ही को प्रतिपालन कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेशित किया है। उसी में उन्हें 7 दिन का समय दिया गया है कि लीगल नोटिस पर जवाब दें और कोर्ट की बातें का अक्षरशः पालन करवाएं वरना हम इन बातों को सुप्रीम कोर्ट में उठाएंगे।

नहीं सुनी जा रही 100 करोड़ हिन्दुओं की बात
उन्होंने कहा कि 100 करोड़ हिन्दुओं की बात नहीं सुनी जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा सिर्फ मुस्लिम पक्ष की बात सुनी जा रही है। इसी बेसीसी पर उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जो की वहां पूजा करने जा रहे थे उन्हें रोक दिया गया। इसका कोई कारण भी नहीं बताया गया और उन्हें आश्रम में ही रोक दिया है। सरकार की हिन्दुओं को पूजा से वंचित करने की योजना चल रही है जिसके प्रतिनिधि डीएम बन रहे हैं। हमें यह भी नहीं बताया गया कि क्यों रोका जा रहा है क्योंकि हम अपने मौलिक अधिकार पूजा करने जा रहे थे तो कहा गया कि आप बता कर जा रहे थे इसलिए रोका गया। कहा, हमारे संवैधानिक अधिकारों को डीएम द्वारा छीना गया। न्यायालय ने ये नहीं कहा कि किसी का अधिकार छीना जाए। भगवान् को नाबालिग माना गया है इसलिए उन्हें भोजन मिलना चाहिए। इसलिए तत्काल जिला प्रशासन को भगवान् के राग-भोग-पूजा की व्यवस्था कर देनी चाहिए। डीएम को इस नोटिस पर तत्काल विचार कर के त्वरित गति से यह व्यवस्था करनी चाहिए। क्योंकि इसके पहले भी बहुत जगह शिवलिंग मिले हैं और उनकी पूजा पाठ की व्यवस्था शुरू की गयी है।

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