चन्दौली
सुरहुरिया जंगल में आग से वन संपदा नष्ट, वन्य जीवों पर खतरा

नौगढ़ (चंदौली)। काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के नौगढ़ वन रेंज के अंतर्गत सुरहुरिया जंगल में भीषण आग लगने से भारी वन संपदा नष्ट हो गई। इस आग से कीमती पेड़-पौधों के साथ-साथ वन्य जीवों के प्राकृतिक वास पर भी संकट मंडराने लगा है। आग बुझाने के लिए वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं।
सूत्रों के अनुसार, आग इतनी विकराल थी कि कई घंटे बीत जाने के बावजूद उस पर काबू नहीं पाया जा सका। इस आग की चपेट में सागौन, पलाश, तेंदू, आंवला, सिद्ध, खैर समेत कई महत्वपूर्ण वृक्ष आ गए, जिससे लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई। साथ ही, घने जंगलों में रहने वाले पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं को भी झुलसने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में लगी आग का मुख्य कारण महुआ के फलों को बीनने के दौरान की गई लापरवाही हो सकती है। जंगल में महुआ के पेड़ों से गिरने वाले फलों को इकट्ठा करने के लिए गरीब तबके के लोग सुबह-सुबह ही अपने बच्चों सहित जंगलों में पहुंच जाते हैं। वे दोपहर तक मेहनत करते हैं और कई बार सूखे पत्तों व झाड़ियों की सफाई के लिए आग लगा देते हैं, जो धीरे-धीरे विकराल रूप ले लेती है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवानदास अग्रहरि ने आरोप लगाया कि वन विभाग की लापरवाही के कारण जंगलों में बार-बार आग लग रही है, जिससे क्षेत्र की जैव विविधता को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वन विभाग को इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस संबंध में क्षेत्रीय वनाधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आग लगने की जानकारी मिलते ही वन कर्मियों को मौके पर भेजा गया और आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, आग लगने के कारणों की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जंगलों में आगजनी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने प्रशासन से मांग की है कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जाए और महुआ बीनने के नाम पर जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, वन संपदा को बचाने के लिए जंगलों में निगरानी बढ़ाने और फायर ब्रिगेड की तैनाती करने की भी मांग की गई है।