वाराणसी
सीवर सफाई के दौरान सफाईकर्मी की मौत
वाराणसी। शुक्रवार को भैंसासुर घाट पर सफाई के लिए सीवर में उतरे सफाईकर्मी का दम घुटने से वह अचेत हो गया। वहीं उसे देखने उतरा दूसरा श्रमिक भी बेहोश हो गया। सूचना मिलने के बाद घाट पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला और कबीरचौरा स्थित शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय ले गए। जांच के बाद चिकित्सकों ने एक कर्मचारी को मृत घोषित कर दिया, वहीं दूसरे का उपचार शुरू कर दिया। इस घटना के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। परिजन रोते-बिलखते अस्पताल पहुंचें। अस्पताल परिसर में किसी भी तरह की वाद-विवाद की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस टीम भी मौजूद रही।

जानकारी के अनुसार, मछोदरी के रहने वाले घूरेलाल (30 वर्ष) सफाईकर्मी का काम करता है। गंगा प्रदूषण विभाग की ओर से उसे सफाई के लिए भैंसासुर घाट पर बुलाया गया था। सुपरवाइजर ने सीवर का ढक्कन खुलवाकर सफाईकर्मी को नीचे उतरा। थोड़ा नीचे जाते ही सफाईकर्मी जहरीली गैस की वजह से अचेत हो गया। यह देख सुपरवाइजर समेत अन्य कर्मी घबरा गए। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना एनडीआरएफ टीम को दी।सूचना के बाद मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने सफाईकर्मी को बाहर निकाला और उसे आनन-फानन में मंडलीय अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना के बाद सफाईकर्मी के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। महेंद्र कुमार भारती ने आरोप लगाया कि, घटना के एक घंटे बाद तक मौके पर न तो जेई आए और न ही ठेकेदार। एक घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची तो किसी तरह सफाईकर्मी को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। परिवार वालो का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के चार बच्चे हैं। दो लड़के और दो लड़कियां हैं। उन्होंने विभाग और ठेकेदार से मांग की है कि मृत सफाईकर्मी के बच्चों के बारे में सोचें और परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
