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वाराणसी

सार संस्थान का 24वां प्रतिभा सम्मान समारोह संपन्न

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वाराणसी (जयदेश)। सोसायटी फार सोशल एक्शन एण्ड रिसर्च (सार संस्थान) द्वारा आयोजित 24वां ‘प्रतिभा सम्मान समारोह’ 2 मार्च को वाराणसी में सम्पन्न हुआ, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री श्री रविन्द्र जायसवाल उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बीबीएम विश्वविद्यालय, झारखंड के कुलपति प्रो. रामकुमार सिंह, समाजसेवी व उद्योगपती विजयशंकर मेहता, डॉ. दिव्या सिंह और डॉ. के वी पी सिंह शामिल हुए।

इस वर्ष ‘आचार्य स्व. व्रजवल्लभ द्विवेदी स्मृति विशेष सेवा सम्मान’ (विरासते बनारस) चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में डॉ. आर के ओझा (आर्थोपेडिक सर्जन), सामाजिक कल्याण के लिए आर के चौधरी (समाजसेवी एवं उद्योगपति) और शिक्षा सुधार के क्षेत्र में अशोक मौर्या (अशोक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) को प्रदान किया गया। इसके अलावा ‘स्व. बलदेव प्रसाद टंडन स्मृति सारस्वत सम्मान’ डॉ. सतीशचन्द्र तिवारी और डॉ. विमलेश कुमार सिंह यादव (भुवन्स कॉलेज, कौशाम्बी) को दिया गया।

संस्था के संरक्षक प्रो. राम सुधार सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सार संस्थान की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला। वहीं संस्था के प्रबंध निदेशक डॉ. तरुण कुमार द्विवेदी ने आचार्य व्रजवल्लभ द्विवेदी जी के जीवन और उनके योगदान को याद किया।

मुख्य अतिथि श्री रविन्द्र जायसवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बच्चों की मानसिक क्षमता को बढ़ाती है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने काशीवासियों का भी आभार व्यक्त किया कि कुंभ के दौरान भारी भीड़ के बावजूद कोई अव्यवस्था या भगदड़ नहीं हुई, जिसका श्रेय काशी की अनुशासित जनता को जाता है।

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उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि मेहनत, लगन और सही योजना के साथ आगे बढ़ें और अपने लक्ष्य को हासिल करें।राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष एवं औषधि प्रभाव डॉक्टर दयाशंकर मिश्र ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है, सच्ची प्रतिभा संघर्ष और मेहनत के बाद ही निखरती है।

उन्होंने कहा कि मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता खुद शोर मचा दे और समाज के लिए प्रेरणा बनो। उन्होंने सार संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की।विशिष्ट अतिथि प्रो. रामकुमार सिंह ने बच्चों को राष्ट्र निर्माण, एकता और नैतिकता के मूल्यों को अपनाने की सलाह दी।

उन्होंने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उसके खतरों के प्रति भी आगाह किया और बच्चों से अपील की कि वे इन प्लेटफार्म्स के गुलाम न बनें, बल्कि समझदारी से इनका उपयोग करें। समाजसेवी श्री विजयशंकर मेहता ने विद्यार्थियों से कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अपनी संस्कृति, धर्म ग्रंथों और सामाजिक मूल्यों का भी ज्ञान प्राप्त करें और उसे जीवन में उतारें।

डॉ. दिव्या सिंह ने बच्चों में समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना जागृत करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि पढ़ाई का असली उद्देश्य सिर्फ परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि ज्ञान का विस्तार करना है।

डॉ. के वी पी सिंह ने कहा कि शिक्षा बच्चे का निर्माण करती है और समाज उसे आकार देता है। उन्होंने विद्यार्थियों से देश के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।समारोह में जिले और प्रदेश स्तर पर विभिन्न स्कूलों के मेधावी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

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इस दौरान सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल, हैप्पी मॉडल स्कूल, संत अतुलानंद कन्वेंट स्कूल, गुरु नानक इंग्लिश स्कूल, एसओएस हरमन माइनर स्कूल, आर्य महिला इंटर कॉलेज, डीएलएम स्कूल, एक्सीलेंट कान्वेंट स्कूल, जय एकेडमी, नव रचना स्कूल सहित कई संस्थानों के विद्यार्थी पुरस्कृत हुए।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती के पूजन के साथ हुई।

इस अवसर पर पद्मभूषण वशिष्ठ त्रिपाठी, पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, राकेश टंडन, विपिन अग्रवाल, डॉ. वी डी तिवारी, अशोक गुप्ता, अत्रि भारद्वाज, राहुल सिंह सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सार संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. तरुण कुमार द्विवेदी ने संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्था शिक्षा, पर्यावरण और रोजगार के क्षेत्र में सतत कार्यरत है और अब तक दो लाख से अधिक लोग इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ चुके हैं।

आचार्य व्रजवल्लभ द्विवेदी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वे तंत्रशास्त्र और भारतीय दर्शन के अद्वितीय विद्वान थे, जिन्होंने इस विषय पर शताधिक पुस्तकें लिखीं और भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया।

इस अवसर पर प्रो. पंकज कुमार सिंह, प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रो. आनंद प्रकाश, वेद प्रकाश द्विवेदी, अमित कुमार सिंह, डॉ. राकेश्वरी प्रसाद, डॉ. शरद कुमार, सुनील कुमार सिंह, मनोज दुबे, सुजीत श्रीवास्तव, दीपांकर त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में शिक्षाविद, समाजसेवी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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