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वाराणसी

सरकार ने जारी की उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023, आई०आई०ए० ने नई खाद्य प्रसंस्करण नीति का किया स्वागत

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नई नीति में खाद प्रसंस्करण इकाइयों को 5 करोड़ तक सब्सिडी

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी:उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित नई खाद्य प्रसंस्करण नीति 2023 2 फरवरी को जारी कर दी गई इसको लेकर आई०आई०ए० सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक विनायक प्लाजा में आयोजित हुई सभी के द्वारा नई नीति का स्वागत किया गया आई०आई०ए० ने नई पॉलिसी के संदर्भ में कई सुझाव सरकार को दिए थे और सरकार के बुलावे पर फूड प्रोसेसिंग कमेटी के चेयरमैन दीपक बजाज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जून 2022 में उद्यान विभाग के सचिव से लखनऊ के सचिवालय में आयोजित बैठक में भेंट कर अपने सुझाव सौंपे थे । हमें खुशी है कि नई नीति के संदर्भ में आई०आई०ए० द्वारा दिए गए सुझाव को काफी हद तक सरकार द्वारा मान लिए गए हैं।
आई०आई०ए० के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर. के. चौधरी ने कहा कि सरकार का संकल्प उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाना है इसी कड़ी में एमएसएमई पॉलिसी के बाद खाद्य प्रसंस्करण पॉलिसी जो आई है वह भी काफी अच्छी है । सरकार द्वारा पूंजीगत अनुदान 35% (अधिकतम 5 करोड़) किए जाने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा, एवं उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन इकोनामी बनाने में यह काफी मददगार साबित होगा।
राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया ने कहा कि नई नीति में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में लागत का 50% और महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्योगों में लागत का 90% अनुदान देना सरकार का सराहनीय प्रयास है, इससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के साथ-साथ सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय फूड प्रोसेसिंग कमेटी के चेयरमैन दीपक बजाज ने कहा कि हम काफी समय से खाद्य प्रसंस्करण से मंडी शुल्क हटाने व उत्तर प्रदेश राज्य में लैंड लॉक्ड होने के कारण निर्यात हेतु परिवहन सब्सिडी की मांग कर रहे थे । आई० आई० ए० द्वारा लखनऊ में आयोजित फूड एक्सपो में माननीय मुख्यमंत्री जी ने इसको नई नीति में लाने की बात कही थी। हमें खुशी है कि सरकार द्वारा किसानों से सीधे खरीद पर मंडी शुल्क हटाने, निर्यात पर परिवहन का 25% परिवहन सब्सिडी व खाद्य संस्करण में इंस्पेक्टर राज को खत्म करते हुए श्रम, भूजल, प्रदूषण, बाट माप, एफएसएसएआई आदि के लिए एक समिति बना उसकी सहमति से निरीक्षण होना स्वागत योग्य कदम है। निश्चित रूप से इस नीति के फल स्वरुप उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उधोगो को काफी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में मुख्य रूप से आर० के० चौधरी, राजेश भाटिया, दीपक बजाज, नीरज पारीख, अनुपम देवा,ओ०पी० बदलानी, राहुल मेहत, यु० आर ० सिंह सहित बड़ी संख्या में उद्यमी शामिल हुए।

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