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गोरखपुर

सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट

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गोरखपुर। खजनी तहसील क्षेत्र में सब्जियों के दामों में अचानक आई तेजी ने आम उपभोक्ताओं की रसोई का पूरा बजट बिगाड़ दिया है। टमाटर के दाम जहाँ 80 से बढ़कर 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं, वहीं आलू, गोभी, गाजर, बैंगन, पालक और शिमला मिर्च जैसी रोजमर्रा की सब्जियाँ भी आसमान छू रही हैं।

बढ़ते दामों के कारण लोगों को कम मात्रा में सब्जियाँ खरीदने और अन्य आवश्यक वस्तुओं के बजट में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। स्थानीय बाजारों में सब्जियों की कीमतों में बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण शादी-विवाह के मौसम में बड़ी हुई माँग और कई क्षेत्रों में आवक में कमी माना जा रहा है।

ठंड के मौसम में सब्जियों की खपत बढ़ जाती है, वहीं आपूर्ति में कमी और मौसम में बदलाव के कारण फसलों पर असर पड़ने से बाजार में उपलब्धता घट जाती है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ा है। पहले जो परिवार 100 या 200 रुपये में कई तरह की सब्जियाँ ले आते थे, अब उतनी राशि में आधा झोला भरना भी मुश्किल हो रहा है।

गैस सिलेंडर, दाल, खाद्य तेल और आटे जैसी जरूरी वस्तुओं की पहले से ही बढ़ी कीमतों के बीच सब्जियों की महँगाई ने आम घरों का बजट और तंग कर दिया है। वसडीला निवासी अखिलेशवर शर्मा बताते हैं कि सब्जी मंडी पहुँचते ही सोचना पड़ता है कि आखिर क्या खरीदें। ‘हरी हरी सब्जी की कीमत इतनी बढ़ गई है कि रोजमर्रा की थाली से सब्जियाँ दूर होती जा रही हैं।”

खजनी क्षेत्र के अन्य उपभोक्ताओं का कहना है कि जब तक आवक बढ़ेगी नहीं, तब तक राहत मिलने की उम्मीद कम है। लगातार बढ़ते दामों ने आम लोगों की रसोई का जायका ही नहीं, बल्कि उनकी जेब पर भी सीधा भार डाला है।

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