वाराणसी
सत्य, अहिंसा और त्याग की प्रतिमूर्ति थे महात्मा गांधी- भानु प्रताप द्विवेदी

दूरदर्शी सामाजिक समिति ने मनाई महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती।
वाराणसी। देश, प्रदेश नहीं अपितु पूरी दुनिया में 2 अक्टूबर को भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी जिसे हम बापू के नाम से भी जानते हैं और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिवस दूरदर्शी सामाजिक समिति के तत्वावधान में समिति के केंद्रीय कार्यालय हबीबपुरा चेतगंज में हर्षोल्लास संग मनाया गया।
समिति के अध्यक्ष रामकृष्ण गुप्ता अधिवक्ता, उपाध्यक्ष प्रदीप मौर्या, सचिव भानु प्रताप द्विवेदी, कोषाध्यक्ष पवन चक्रवाल, संयुक्त सचिव आकाश कुमार, मीडिया प्रभारी जय सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
समिति के अध्यक्ष श्री गुप्ता ने गांधी जी के विचारों का उल्लेख करते हुए सदैव सत्य और अहिंसा के मार्ग को चुनने के लिए सभी को प्रेरित किया। वहीं सचिव भानु प्रताप द्विवेदी ने कहा भारतीय लोकतंत्र के जनक सत्य अहिंसा त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे महात्मा गांधी। और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने देश के जवानों और किसानों को अपने कर्म व निष्ठा से देश के प्रति सुदृढ़ रहने और खाद्यान्न में भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए जय जवान, जय किसान नारा दिया था। कार्यक्रम के दौरान कोषाध्यक्ष श्री चक्रवाल ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चरित्र को चरितार्थ करते हुए दोनों को सदी का महानायक बताया। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति चाहे जितनी भी महात्मा गांधी की आलोचना कर ले, परंतु उनके जैसा बनना संभव नहीं ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनिल साहू उपाध्यक्ष, नवीन सिंह संयुक्त सचिव, सोनू चतुर्वेदी संगठन मंत्री, अंकित बरनवाल सांस्कृतिक क्षेत्र प्रमुख सहित सुधीर गुप्ता, शशि द्विवेदी मौजूद रहे।