गाजीपुर
सजायाफ्ता महिला की बेटियां पहुंचीं कॉन्वेंट स्कूल

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला जेल में पहली बार किसी सजायाफ्ता महिला की दो बेटियों को जेल से बाहर कॉन्वेंट स्कूल पढ़ने का अवसर मिला। दोनों बच्चियां सुबह आठ बजे स्कूल यूनिफॉर्म और बैग के साथ हंसते हुए जेल के गेट से बाहर निकलीं। जेल प्रशासन ने खुद अपनी कार से उन्हें स्कूल पहुंचाया। उनकी खुशी देखने लायक थी।
दरअसल, जिले की सबुआ निवासी महिला अपने पति, सास-ससुर और देवर के साथ डेढ़ साल से जेल में बंद है। उस पर दहेज हत्या का मामला दर्ज है। उसकी दो बेटियां, जिनकी उम्र चार और पांच साल है, और एक तीन साल का बेटा भी जेल में रह रहा है। बाल कल्याण समिति के सुझाव पर जेल प्रशासन ने दोनों बच्चियों का दाखिला पास के स्कूल में कराया। एक का यूकेजी और दूसरी का केजी में एडमिशन हुआ।
जेल अधीक्षक जगदंबा प्रसाद दूबे ने कहा कि यह पहल समाज को बड़ा संदेश देगी। पहली बार किसी सजायाफ्ता महिला की बच्चियों को कॉन्वेंट स्कूल भेजा गया है। पहले दिन उनके टिफिन में पराठा, सब्जी, गुझिया, बिस्किट और चॉकलेट दी गई। पढ़ाई के बाद दोनों बच्चियां अन्य बच्चों की तरह खेली भी।
जेल प्रशासन अब अन्य बच्चों के दाखिले की भी तैयारी कर रहा है। जेलर शेषनाथ यादव और डिप्टी जेलर राजेश कुमार ने कहा कि पढ़ाई का महत्व सबसे ऊपर है। इस पहल से न सिर्फ बच्चियों का भविष्य उज्ज्वल होगा बल्कि समाज में सकारात्मक सोच भी विकसित होगी।