वाराणसी
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 43वां दीक्षांत समारोह कल

वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी का 43वां दीक्षांत महोत्सव 8 अक्टूबर 2025 को विश्वविद्यालय मुख्य भवन में अपराह्न 3 बजे आयोजित किया जाएगा। कुलसचिव राकेश कुमार (आईएएस) ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह समारोह प्राच्य विद्या के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपराओं का प्रतीक है। 1791 में संस्कृत पाठशाला के रूप में स्थापित यह संस्थान 22 मार्च 1958 से वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय एवं 1973 से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में कार्यरत है। वर्तमान में विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्कृत महाविद्यालय उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में संचालित हैं।
कुलसचिव ने बताया कि दीक्षांत समारोह में ब्रह्मचर्याश्रम से गृहस्थाश्रम में प्रवेश का महत्व झलकता है। इस वर्ष के समारोह में कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल अध्यक्षता करेंगी। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत उपस्थित रहेंगे, जो स्नातकों को प्रेरक दीक्षांत भाषण देंगे।
गजेन्द्र सिंह शेखावत राजस्थान के जैसलमेर में जन्मे हैं। उन्होंने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से बीएड, एमए और एमफिल (फिलॉसफी) की उपाधि प्राप्त की। वे वर्तमान में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री हैं और जोधपुर से लगातार तीन बार सांसद चुने गए हैं। उनका राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से प्रारंभ हुआ और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति बिहारी लाल शर्मा स्नातकों को उपाधि पत्र प्रदान करेंगे।