वाराणसी
संत कबीर प्राकट्य स्थली में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव
वाराणसी। संत कबीर महाराज की प्राकट्य स्थली में महंत गोविंद दास शास्त्री के सानिध्य में धूमधाम से गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। महंत गोविंद दास शास्त्री ने गुरु की महिमा को बताते हुए कहा कि
गुरु गोविंद दोऊ खड़े ,काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपने, जिन गोविंद दियो बताये।।
अर्थात गुरु एक ऐसा माध्यम है जो हमें परमपिता परमात्मा ईश्वर से हमको दर्शन करा सकते है परमात्मा तक पहुंचा सकते हैं । गुरु हमे अच्छा बनने के लिए डाँटता है गुरु जब हम डाँटता है तब हमें बुरा नही मानना चाहिये कबीर साहब ने गुरु के बारे में कहा है कि
गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है, गढ़ी गड़ी काढ़े खोट।
अंदर हाथ सहार दे ,बाहर मारे चोट।।
गुरु ऊपर से भले मारता हुआ दिखता है लेकिन अंदर से उतना हि सहारा दिया रहता है । इस गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी जिला के साथ ही साथ अन्य जिला एवं राजस्थान बिहार आदि के भक्त गढ़ पधारे एवं प्रसाद ग्रहण किये।