वाराणसी
संघर्ष समिति वाराणसी और प्रबंध निदेशक पूर्वांचल के बीच पांच सूत्रीय मांगों पर वार्ता सफल

संविदाकर्मियों को मिलेगा कटे वेतन का लाभ
वाराणसी । उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, वाराणसी के प्रतिनिधिमंडल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक के बीच शुक्रवार को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अहम बैठक हुई। यह वार्ता प्रबंध निदेशक के आमंत्रण पर उस समय हुई जब संघर्ष समिति द्वारा पूर्व में शुरू किया गया अनिश्चितकालीन सत्याग्रह फिलहाल स्थगित कर दिया गया था।
बैठक में प्रमुख रूप से संविदाकर्मियों के फेसिअल अटेंडेंस के कारण कटे वेतन को अविलंब जारी करने, उपकेंद्रों पर कैमरा युक्त कंप्यूटर सिस्टम की स्थापना, निजीकरण प्रस्ताव को निरस्त करने की अनुशंसा, वर्ष 2023 के बाद हटाए गए योग्य संविदाकर्मियों की सेवा में पुनर्बहाली तथा प्रशासनिक आधार पर किए गए विवादित स्थानांतरणों के संबंध में चर्चा हुई।

प्रबंध निदेशक ने फेसिअल अटेंडेंस को लेकर तकनीकी समाधान प्रदान करने का आश्वासन दिया है, जिसमें एसएसओ ऐप से जुड़ने हेतु कैमरा युक्त सिस्टम की व्यवस्था या मोबाइल उपलब्ध कराना शामिल है। साथ ही, फेसिअल अटेंडेंस न लग पाने के कारण कटे वेतन को शीघ्र दिलाने की बात भी कही गई। हटाए गए संविदाकर्मियों को आवश्यकता अनुसार पुनः सेवा में लेने अथवा कार्यरत कंपनियों में समायोजित करने पर भी सकारात्मक संकेत दिए गए।
विवादित स्थानांतरण के मुद्दे पर संगठन पदाधिकारियों ने यह आरोप लगाया कि “प्रशासनिक आधार” के नाम पर किए गए स्थानांतरणों में कोई ठोस कारण नहीं है। जब अधिकारियों से इसका औचित्य पूछा गया तो कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। संघर्ष समिति ने इस आधार को ‘टाइपिंग मिस्टेक’ बताते हुए संशोधित पत्र जारी करने की मांग की है।
संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि स्थानांतरण से किसी भी स्थिति में निजीकरण के प्रयासों को स्वीकार नहीं किया जाएगा और स्थानांतरित अधिकारी अपने नवीन कार्यस्थल से ही संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रहेंगे।
संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि प्रबंध निदेशक कार्यालय से मिनट्स ऑफ मीटिंग जारी होने के बाद ही स्थगित अनिश्चितकालीन सत्याग्रह को पुनः प्रारंभ करने अथवा निरस्त करने का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इसी क्रम में आज बरईपुर स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय पर जनजागरण सभा का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में बिजलीकर्मियों के साथ उपभोक्ता भी शामिल हुए। वक्ताओं ने एक स्वर में बिजली के निजीकरण को जनता और कर्मचारियों के लिए नुकसानदेह बताया। कल सिगरा स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर लंच अवर में अगली जनजागरण सभा आयोजित की जाएगी।
सभा को ई. मनीष झा, रविन्द्र यादव, रंजीत पटेल, सौरभ श्रीवास्तव, राकेश कुमार, धनपाल सिंह, समीर पाल, अंकुर पाण्डेय, अरुण पटेल आदि ने संबोधित किया।