वाराणसी
विश्वविद्यालय के छात्रावास में शुद्ध पेयजल संयंत्र का हुआ उद्घाटन
छात्रों को शुद्ध पेयजलापूर्ति एवं स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना ही मेरी प्राथमिकता : कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा
यह संस्था देववाणी मंदिर यहां की सेवा से आध्यात्मिक और मानसिक ऊर्जा का विकास : उद्योगपति आर.के. चौधरी
वाराणसी। विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ वातावरण का निर्माण करना ही मेरा मूल लक्ष्य है। छात्र ही मेरे लिए अनमोल रत्न हैं, उनके विकास के लिए अनुकूल वातावरण का सृजन कर उन्हें संतुलित जीवन के लक्ष्य से जोड़ना तथा एक अच्छा इंसान बनाने का यत्न है।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए “विश्वविद्यालय विकास समिति” के वरिष्ठ सदस्य एवं उद्योगपति आर.के. चौधरी के सौजन्य से नवीन छात्रावास में स्थापित आरओ प्लांट (जल शोधन संयंत्र) का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किया।
कुलपति प्रो. शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि, इस संस्थान से जुड़ा हर व्यक्ति विद्यार्थियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी सुविधा को सुनिश्चित करना हम सभी का सामूहिक दायित्व है। आज इसी उद्देश्य के क्रम में यह शुद्ध पेयजलापूर्ति के लिए आरओ प्लांट लगाया गया है। अन्य सभी छात्रावासों सहित केंद्रीय कार्यालय में भी आरओ प्लांट लगाया जाएगा। आरओ का नियमित टीडीएस का परीक्षण तथा मशीन का रखरखाव भी किया जाएगा।
विश्वविद्यालय विकास समिति के सम्मानित सदस्यों के द्वारा नियमित/अनवरत संस्था के अभ्युदय एवं उत्थान के लिये संकल्पित भाव से योजनाबद्ध तरीके से सहयोग कर रहे हैं। यह उनकी देवभाषा संस्कृत एवं इस प्राचीन संस्था के प्रति आन्तरिक श्रद्धा और आस्था है। ऐसे सभी सहयोगियों के प्रति सदैव आभारी हूँ। आगे भी इस विद्या मंदिर के लिए संकल्पित भाव से करने के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा।
विश्वविद्यालय विकसित समिति के सदस्य एवं उद्योगपति आर.के. चौधरी ने कहा कि, “मानव जीवन सहयोग की भावना के साथ होना चाहिए, संस्कृत देववाणी है। यह प्रांगण माँ वाग्देवी का सम्पूर्ण मंदिर है। यहाँ की सेवा- सहयोग की भावना से मानसिक-आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है। संस्कृत के अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए आज इस संकल्प भावना से कुछ करने का अवसर मिला, आगे भी अपने संकल्पों के साथ इस संस्था में सहयोग करने की कोशिश करते रहेंगे।”
इस अवसर पर विश्वविद्यालय विकास समिति के सदस्य वास्तुविद ई• ऋषभ चन्द्र जैन, उद्योगपति जगदीश, प्रो. रामपूजन पाण्डेय, प्रो. जितेन्द्र कुमार शाही, प्रो. हरिशंकर पाण्डेय, प्रो. हीरक कांति चक्रवर्ती, प्रो. राजनाथ, प्रो. राघवेन्द्र, डॉ विजय कुमार शर्मा, डॉ विजेंद्र कुमार आर्य, डॉ. दिनेश कुमार तिवारी, डॉ. दुर्गेश पाठक एवं विद्यार्थियों सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।