मिर्ज़ापुर
विधि महाविद्यालयों में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना का होगा जल्द होगा शुभारंभ

गरीबों और असहायों को मिलेगा विधिक ज्ञान
मीरजापुर। जनपद न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्रा (द्वितीय) द्वारा विधि महाविद्यालयों में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना का शुभारंभ किया जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ, के दिशानिर्देशन में की जा रही है। इसका उद्देश्य गरीबों, असहायों और ग्रामीण जनों को विधिक सहायता प्रदान करना और उन्हें न्याय की प्रक्रिया से परिचित कराना है।
बैठक में दिशा-निर्देश जारी
जनपद न्यायाधीश ने जनपद के प्रमुख विधि महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने ज्ञानन्दा विधि महाविद्यालय (अमरावती, विन्ध्याचल), रामललित विधि महाविद्यालय (कैलहट), पुष्पा लॉ कॉलेज (बरेवा, चुनार), उषा सिंह लॉ कॉलेज (चुनार), रामलाल सिंह विधि महाविद्यालय और मथुरा लॉ कॉलेज (पुरजागीर) के प्राचार्यों को निर्देश दिए कि प्रत्येक महाविद्यालय में लीगल एड क्लीनिक स्थापित किया जाए।
छात्र-छात्राओं की भागीदारी होगी अहम
लीगल एड क्लीनिक में विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को सदस्य के रूप में नामित किया जाएगा। इनका मुख्य कार्य गरीबों, असहायों और ग्रामीण जनों को विधिक ज्ञान प्रदान करना होगा। साथ ही, इन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें न्याय पाने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
वाद-रहित गांव की पहल
अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि विधि के छात्रों और छात्राओं के माध्यम से वाद-रहित गांव बनाने की योजना भी शुरू की जाएगी। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे और विवादों को अदालत से बाहर निपटाने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बैठक में शामिल अधिकारी और प्राचार्य
बैठक में अपर जनपद न्यायाधीश और सचिव (डीएलएसए) विनय आर्या के साथ ज्ञानन्दा लॉ कॉलेज के प्राचार्य शर्दूल विक्रम सिंह, रामललित विधि महाविद्यालय के प्राचार्य अनिल कुमार पटेल, पुष्पा विधि महाविद्यालय के प्राचार्य ओम प्रकाश सिंह, रामलाल सिंह विधि महाविद्यालय के प्राचार्य सूर्य प्रताप सिंह, उषा सिंह विधि महाविद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार द्विवेदी, और मथुरा विधि महाविद्यालय के प्राचार्य शिवकांत दुबे उपस्थित रहे।
न्याय का अधिकार सबके लिए
यह कदम जनपद में न्याय और विधिक सेवा को सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से न्याय प्रक्रिया में गरीबों और वंचित वर्गों को उनका हक दिलाने का प्रयास किया जाएगा।