वाराणसी
वाराणसी : रोप-वे में ले जा सकेंगे सिर्फ यह चीजें
दुनिया के तीसरे और भारत के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे का निर्माण कार्य वाराणसी में तेजी से चल रहा है। यह परियोजना वाराणसी की ऐतिहासिकता और आधुनिकता को जोड़ते हुए शहर के यातायात को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रोप-वे की यात्रा कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक 3.85 किलोमीटर की दूरी को मात्र 16 मिनट में पूरा कर सकेगी। प्रति घंटे 6,000 यात्री इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।
इस यात्रा के दौरान यात्रियों को केवल हैंडबैग, लैपटॉप और छोटे बैग साथ ले जाने की अनुमति दी जाएगी। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार बड़े सामान रखने के लिए कैंट स्टेशन पर लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान सामान की सुरक्षा की चिंता नहीं रहेगी।रोप-वे के लिए स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया से उन्नत तकनीक और उपकरण मंगाए गए हैं। ये सोलर पैनल से संचालित होंगे, जिससे ऊर्जा की खपत कम होगी और पर्यावरण अनुकूल यात्रा का अनुभव मिलेगा। गंडोला की सीटें फोल्ड हो सकेंगी, जिससे दिव्यांगजनों के लिए व्हीलचेयर ले जाना आसान होगा।
रोप-वे वाराणसी की यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ प्रदूषण रहित यात्रा का अवसर प्रदान करेगा। गंडोला की ऊंचाई 50 मीटर तक होगी, और हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में गंडोला सेवा उपलब्ध होगी। निर्माण के दौरान आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अतिक्रमण हटवाने का काम पूरा हो चुका है।
स्विट्जरलैंड से आए नट बोल्ट और अन्य उपकरण वाराणसी के गोदामों में सुरक्षित रखे गए हैं। इससे रोप-वे की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। इस रोप-वे परियोजना से वाराणसी का यातायात सुधार होगा, जिससे शहर के निवासियों और पर्यटकों के लिए यात्रा का अनुभव अधिक सुगम प्रदूषण रहित और सुरक्षित बनेगा।